– अज़हर मलिक
काशीपुर – उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश की सीमा से जुड़े गांवों में चुनाव प्रचार अभियान जोरों पर है, जहां चुनाव जीतने के बाद शायद ही कभी कोई विधायक जनता की सुध लेता हो, लेकिन चुनाव आते ही सभी जनप्रतिनिधियों को इन सीमावर्ती गांवों की याद आने लगती है, एसा ही एक गांव है कासमपुर जो जसपुर विधानसभा से जुडा है, जहां भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र मोहन सिंघल ने पहुंच कर जनता को भरोसा दिलाया कि उनकी जीत के साथ ही सीमार्ती गांवों में भी विकास होगा।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित आज भी प्रदेश की सीमावर्ती गांव विकास की बाट जोह रहे हैं, इनकी जरूरतें भी छोटी है, मगर चुनाव जीतने के बाद इनको कोई पूछने तक नहीं आता, यहां आधा गांव उत्तर प्रदेश पर निर्भर है तो आधा उत्तराखण्ड में, एसे में दो राज्यों के बीच कासमपुर गांव को किसी भी राज्य से पुरी सुविधाएं नहीं मिल पाती, लिहाजा चुनावी बयार चलते ही नेता भी बहती हवा से इन गांवों की तरफ वोट बैंक की आस में जनता के बीच पहुंचते हैं, जबकि पांच सालों से कांग्रेस के विधायक ने कोई भी विकास कार्य इन गांवों में नहीं किया, इस बार परिवर्तन की लहर का नारा लेकर भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र मोहन सिंघल ने इन गांवों में चुनाव प्रचार की पूरी ताकत झोंक दी है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश की सत्ता पर राज किया और यहां कि जनता ने उनका विधायक चुनकर भेजे लेकिन किसी ने भी इन गांवों के विकास के बारे में नहीं सोचा, लेकिन परिवर्तन के साथ ही भाजपा के सत्इता में आते ही गांवों की दुर्दशा को सुधारने के लिए वो प्रयास किये जाएंगे।