मन्दिर के ट्रस्टी और मुख्य यजमान डॉo अनिल मिश्रा जी ने सेवा स्वीकार करते हुए
– इंडिया नज़र ब्यूरो
दिल्ली – अयोध्या में भगवान श्रीराम जी की मूर्ति की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है। पूरे देश में जश्न का माहौल है और लोग इसे दीपावाली की तरह मना रहे है।
ऐसे में भगवान श्रीराम के अटूट भक्त दिल्ली के उद्योगपति विजय गुप्ता गत 14 वर्षो से नियमित अपने घर के भगवान श्रीराम के मंदिर में श्रीराम जी की मूर्ति पर चंदन और केसर घिस घिस कर लगा कर पूजा किया करते थे, अब भगवान श्री राम ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर अयोध्या में हो रही रामचंद्र जी की मूर्ति स्थापना के अवसर पर सेवा का अवसर प्रदान किया है। जो चंदन और केसर उपयोग में लाया जा जायेगा, उसकी सेवा विजय गुप्ता जी को सौंपी गई है।
विजय गुप्ता दिल्ली के उद्योगपति है और केलको पॉलीकेम प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर है। अयोध्या में श्रीराम जी की मूर्ती के लिये चन्दन और केसर की सेवा करने का अवसर मिला। विजय गुप्ता ने इसे श्रीराम जी की कृपा माना और मन्दिर के ट्रस्टी और मुख्य यजमान डॉo अनिल मिश्रा जी को अपनी सेवा भेट की जिसे मन्दिर के ट्रस्टी और मुख्य यजमान डॉo अनिल मिश्रा जी ने स्वीकार किया।
विजय गुप्ता इस सेवा से खुद को धन्य मान रहे है। उनका कहना है कि भगवान श्रीराम ने यह सेवा उन्होंने भक्ति से प्रसन्न होकर दी है जिससे मैं और मेरा पूरा परिवार अभिभूत है। जिन्हे शब्दो में कह पाना मुश्किल है। यह मेरे लिए सबसे बड़ी सौगात है।
विजय गुप्ता जी का मानना है कि भगवान् श्री राम ने 14 वर्ष का बनवास काटा, मेरी भी 14 वर्षो की अटूट तपस्या को भगवान श्री रामचंद्र जी ने स्वीकार कर जीवन धन्य कर दिया है। यह मेरे जीवन का सबसे अनमोल पल है। मेरी भगवान् श्रीराम जी से प्रार्थना है कि वो देश के साथ यहां रहने वाले सभी मनुष्यो का जीवन खुशहाल बना दे।
आपको बता दे अयोध्या मन्दिर के ट्रस्टी और मुख्य यजमान डॉo अनिल मिश्रा कौन है ? दरअसल राम लला की प्राण प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम में मुख्य यजमान डॉo अनिल मिश्रा जी होंगे। जबकि मुख्यातिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी प्रतीकात्मक यजमान होंगे।
वैदिक अनुष्ठान में यजमान मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डा अनिल मिश्रा और उनकी धर्मपत्नी उषा मिश्रा यजमान बनाया गया है। यह आंबेडकर नगर के रहने वाले है। यह होम्योपैथिक डाक्टर थे,रिटायर होने के बाद मंदिर निर्माण ट्रस्ट के ट्रस्टी के टूर पर जुड़े हुए है और ट्रस्ट के 11 स्थाई सदस्यों में से एक है। यह होम्योपैथिक बोर्ड के चैयरमेन भी रह चुके है।