

काशीपुर – आचार संहिता लगते ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी चुनावी गतिविधियां तेज कर दी है, वहीं कोविड गाइड लाईन की सख्ती भी चुनावी प्रचार में राजनीतिक दलों के लिए बाधा बन गयी है। कई बड़ी रैलियां जहां स्थगित हो गयी है, वहीं कुछ बडी जनसभाओं की तिथियों में भी बदलाव किया गया है, पहली बार चुनावी मैदान में उत्तराखण्ड में अपना भाग्य आजमा रही ‘आम आदमी पार्टी’ आचार संहिता के दिशा निर्देश और कोविड गाइड लाइन की सख्ती के चलते क्या कुछ बना रही है रणनीति, जानते है आप के चुनावी गुरु द्रोणाचार्य से, देखिये हमारी ये खास रिपोर्ट :-
उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में अपना भाग्य आजमा रही है, जबकि राज्य बनने के बाद उत्तराखण्ड में भाजपा और कांग्रेस के अलावा किसी राजनीतिक दल प्रदेश की जनता ने कभी स्वीकार नहीं किया, क्षेत्रीय दलों की बाद करें तो राज्य आंदोलन की अग्रणी रही यूकेडी तक को कभी जनता ने स्वीकार नहीं किया, बसपा और सपा भी कभी उत्तराखण्ड में अपने पैर नहीं जमा पाये।
ऐसे में जहां भाजपा और कांग्रेस बदल बदल कर राज्य की सत्ता पर काबिज रहे, वहीं अब आम आदमी पार्टी की शिरकत कई समीकरण बिगड़ता हुआ दिखाई दे रहा है, दिल्ली का विकास मॉडल लेकर जनता के बीच चुनावी घोषणाओं और गारंटियों से पहले ही आम आदमी पार्टी भाजपा कांग्रेस के लिए बडी चुनोती खडी कर चुकी है।
वहीं चुनाव प्रचार और चुनावी मेनेजमेंट में अब तक सबसे आगे चल रही आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति में बदलाव किये हैं, ये बदलाव दरअसल कोविड गाईडलाईन के चलते किये गये हैं। साथ ही आचार संहिता लगते ही चुनावी प्रचार भी तेज कर दिया गया है।
आम आदमी पार्टी के चुनाव कैंपेंनिंग कमेटी के अध्यक्ष और उत्तराखण्ड में आम आदमी पार्टी के गुरु द्रोणाचार्य कहे जाने वाले दीपक बाली ने बताया कि जहां भाजपा कांग्रेस अभी अपने प्रत्याशी भी घोषित नहीं कर पायी है, वहीं आम आदमी पार्टी घर-घर तक पहुंच कर अपना प्रचार प्रसार कर चुकी है, उनके अनुसार पार्टी सिर्फ फाईनल टच पर हैं।
दीपक बाली का कहना है कि उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी पूरे दमखम से अपना चुनाव लड़ेगी और अपने चुनाव की वर्चुअल रणनीति बना चुकी है। हमारी नीतिया और मेनफेस्टो से लेकर हमारे वादे आम मतदाताओं तक पहुंचेंगे। यहां भी दिल्ली मॉडल के अनुसार आम आदमी पार्टी अपनी गारंटी घोषणाओं पर काम करेगी।