
– उवेस सिद्दीक़ी
हल्द्वानी – किसी भी संक्रमण के दौर में खुद को बचाने में सबसे अहम योगदान होता है। आपकी इम्युनिटी का यांनी रोग प्रतिरोधक क्षमता का, यदि आपका इम्यून अच्छा नहीं होगा तो आपको कोई भी बीमारी जल्द अपनी चपेट में ले लेगी, अब सवाल यह उठता है की आप घर बैठे अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को कैसे बढाएंगे ? तो इसके लिए आपको हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र की मदद लेनी होगी। जहाँ जैसे औषधीय प्रजाति के पौधों को विकसित कर संरक्षित करने का प्रयास किया जा रहा है।

आजकल ऐसी दवाओं और वनस्पतियों का क्रेज़ बढ़ गया है जो आपके इम्यून को मजबूत बनाते हैं, हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र शुरू से ही वनस्पतियों पर बेहतर शोध करता रहा है, वनस्पति जगत में एक से एक पौधे हैं। जो मानव शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं, जिसमें मुख्य रूप से श्वषन क्रिया के लिए वच, कालमेघ, दम बेल शामिल है, जो आपके फेफड़ों को मजबूत और बेहतर प्रक्रिया के लायक बनाते हैं।

विशेषकर गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, धृतकुमारी, कासनी, सर्पगंधा, इम्युनिटी बूस्टर पौधे है, ये पौधे आप घर में उगाकर इनका उपयोग कर सकते हैं, ये पौधे वन अनुसंधान केन्द्र हल्द्वानी में तैयार किए जा रहे हैं, इम्युनिटी के लिहाज से इन पौधों की डिमांड रोजाना वन अनुसंधान केंद्र के अधिकारियों के पास आ रही है, दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड के अलग अलग जगहों से आ रहे इन पौधों की डिमांड के चलते इन पौधों को वन अनुसंधान केंद्र हल्द्वानी की नर्सरी में तैयार किया जा रहा है, लॉकडाउन के बाद इन 7 से 8 प्रजातियों के पौधों को बांटने की योजना भी बनायी जा रही है, ये प्रजातियां विलुप्त ना हो इसके लिए इनको बड़ी मात्रा में संरक्षण करने का काम भी वन अनुसंधान केंद्र कर रहा है।
एफआरआई हल्द्वानी के रेंजर मदन सिंह बिष्ट का कहना है कि वन अनुसंधान केंद्र में गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, धृतकुमारी, कासनी, सर्पगंधा, इम्युनिटी बूस्टर पौधे उपलब्ध है। जिनसे इम्युनिटी बढ़ती है। इससे कोई साइडइफेक्ट भी नहीं है ,इसका उपयोग आसानी से किया जा सकता है। वर्तमान में इन पोधो की मांग काफी बढ़ गई है। इसको विकसित करने की दिशा में वन अनुसंधान केंद्र काम कर रहा है।