– विक्की रस्तोगी
नई दिल्ली – बीते दिनों, लोकसभा में ओबीसी संशोधन बिल को, पारित कर दिया गया है। इस बिल को पारित करने के पक्ष में कुल 386 मतों का समर्थन मिला था, वहीं इसके विपक्ष में एक भी मत नहीं किये गए थे। जानकारी के लिए बता दें कि इस बिल में अब तक 127वीं बार संशोधन किया जा चुका है।
इस बिल को अब राज्यसभा में भी पेश किया जाएगा। जहां पारित होने के बाद, इसपर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर किये जाएंगे। जिसके उपरांत, यह बिल पूरे देश भर में कानून के तौर पर लागू कर दिया जाएगा। इस कानून के लागू हो जाने के बाद, राज्य सरकारों को, स्थानीय जाति के आधार पर, रेज़र्वेशन की लिस्ट को तैयार करने का प्रोत्साहन मिलेगा। कयास लगाए जा रहे है कि इसमें मराठा आरक्षण को शामिल किया जा सकता है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में रोक लगा दी थी।
क्या अब जातिगत आधारित जनगणना कराये जायेंगे ?
इस बिल चर्चा के दौरान, कांग्रेस समेत समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रवक्ताओं ने लोकसभा में केंद्र सरकार से जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की है। इसके अलावा, आरक्षण की सीमा को 50% से ज़्यादा करने की भी मांग की गयी है। बीजेपी के साथी दल,जनता दल यूनाइटेड के सुप्रीमो और बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी जातिवार जनगणना कराने की मांग कर चुके है।