– इंडिया नज़र ब्यूरो
रुद्रपुर – उत्तराखंड विधानसभा के गैरसैंण में आयोजित मॉनसून सत्र में तराई में बसे बंगालियों के आरक्षण के संदर्भ में भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान का बयान अवांछित, अनावश्यक और तथ्यों से परे था. इस बयान से साफ हो गया कि तराई में बसे बंगालियों के बारे में भाजपा किस तरह दोहरी जुबान बोल रही है।
यह बात पूर्व विधायक राज कुमार ठुकराल ने सिटी क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
उन्होंवे कहा कि मुन्ना सिंह चौहान ने ऊधमसिंह नगर जिले में बसे बंगाली समाज के लोगों के बारे में अपने वक्तव्य में कहा कि वे पश्चिम बंगाल से आकर यहां बसे हैं. यह सरासर गलत बयानी है। हकीकत यह है कि बंगाली समाज के लोग 1947 और 1971 में वर्तमान बांग्लादेश से विस्थापित हो कर आए और भारत सरकार ने उनको तराई में बसाया.वर्तमान ऊधमसिंह नगर जिले के तराई के इलाके को आबाद करने में सिखों के साथ ही बंगाली समाज का भी अहम योगदान है.
पूर्व विधायक ठुकराल ने कहा कि यह हैरत की बात है कि भाजपा वर्तमान में बांग्लादेश में रह रहे हिंदुओं के पक्ष में तो उत्तराखंड में जुलूस निकाल रही है, लेकिन दशकों पहले उसी भूभाग से उत्तराखंड में आये बंगाली समाज को उनका वाजिब अधिकार नहीं देना चाहती, इसलिए अपने विधायकों से गलत बयानी करवा रही है।
ठुकराल ने कहा कि मुन्ना सिंह चौहान से हमारा प्रश्न है कि जब बंगाली समाज के लोगों को सरकार ने यहां स्थाई तौर पर बसाया, तो वे अपने अधिकारों की मांग करने किस प्रदेश की सरकार के पास जायेंगे है ? भाजपा को यह भी जवाब देना चाहिए कि दिल्ली और देहरादून में उसकी सरकार लंबे अरसे से है, पिछले दस वर्ष उसके सांसद- विधायक बंगाली समाज का वोट हासिल करके जीत रहे हैं। तो फिर बंगाली समाज के आरक्षण की वाजिब मांग क्यों पूरी नहीं हो रही है ?
साफ है कि बंगाली समाज का वोट बैंक के रूप में तो भाजपा इस्तेमाल कर रही है, लेकिन उनकी आरक्षण की वाजिब मांग के रास्ते में रोड़े अटकाने के लिए मुन्ना सिंह जैसे उसके विधायक, विधानसभा के पटल पर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं।
इस दौरान पूर्व सभासद गोविंद राय, रविंद्रधर, जुरन मंडल, समाजसेवी संजय ठुकराल बंटी कोली आदि लोग उपस्थित थे।