– नाहिद खान
ऊधम सिंह नगर – खाकी वर्दी और आमजन के बीच रिश्तो को कैसे मज़बूत किया जाता है और उनकी छोटी छोटी समस्याओ को कैसे हल किया जाता है। इसका उत्तराखंड पुलिस के ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा बेहतरीन उदहारण है।
दरअसल आधुनिक युग में लोग अपनी दिनयचर्या मोबाइल से शुरू करते है। यह मोबाइल ज़िन्दगी का अहम हिस्सा बन गया है। विशेष कर सोशल मीडिया ग्रुप से देश, प्रदेश और नगर तक की सटीक जानकारी आमजन को प्राप्त होती है, जिससे वो खुद को अपडेट करते है।
लेकिन किच्छा के इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा ने इसी सोशल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप को सूचना का हथियार बनाकर प्रयोग किया है। सबसे पहले उन्होंने क्षेत्र के ऐसे गॉवो को चिन्हित किया जो दूसरे राज्य के बॉर्डर से जुड़े थे, जहाँ से अपराधियों के आने की आशंका थी। उसके बाद संवेदनशील गॉवो को चुना,जहा उन्होंने विभिन्न ग्रुप बनाकर नागरिको और सामजिक कार्यकर्ताओ को जोड़ा। अब इन ग्रुपो के माध्यम से वो पुलिस और आम नागरिको के बीच बेहतर संवाद कायम कर पा रहे है। क्षेत्र के अधिकाँश गॉवो को उन्होंने ग्रुप से जोड़ रखा है। नगर क्षेत्र के भी उन्होंने सभी राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओ के पदाधिकारियों के साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओ को भी ग्रुप से जोड़ा हुआ है। ग्रुप का काफी प्रभावशाली साबित हो रहे है, परिणाम सकारात्मक है। लोग बिना झिझक पुलिस को सूचनाएं दे रहे है।
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उत्कृष्ट कार्यो के लिये 15 अगस्त को प्रभारी मंत्री गणेश जोशी द्वारा सम्मानित
किच्छा कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा को सराहनीय एवं उत्कृष्ट कार्यो के लिये कैबिनेट मंत्री एवं प्रभारी मंत्री गणेश जोशी द्वारा ट्राफी एवं प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित भी किया जा चुका है। उनके कार्यो के लिये जनप्रतिनिधियों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
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इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा बताते है कि ”इन ग्रुप्स से उन्हें अपराध की सूचनाये प्राप्त करने, सलाह लेकर सुरक्षा के उचित उपाय करने के साथ ही सभी गतिविधियों की जानकारी रहती है। जिससे उन्हें न केवल सूचनाएं प्राप्त होती है बल्कि त्वरित कार्यवाहीं करके अपराध और अपराधियों पर नकेल भी कसने में मदद मिलती है।”
इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा ने इस सोशल मीडिया व्हाट्सप्प ग्रुप की शुरुआत अपने सहयोगी पुलिस कर्मियों की मदद से की। किच्छा कोतवाली क्षेत्र को सात हल्को में चार्ट बनाकर बाटा गया है। जिसमे वार्डो के साथ गॉवो को भी रखा गया है। कोतवाली थाना क्षेत्र में 36 स्थानीय निकाय इकाई है, जिसमें 19 ग्राम सभा और 17 नगरपालिका वार्ड शामिल है, इन सभी स्थानीय निकाय गॉव और वार्डों में अलग-अलग सोशल मीडिया कम्युनिटी सुरक्षा समिति व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं, सभी व्हाट्सएप ग्रुप में वहां के जनप्रतिनिधि और जन जागरूक महिला व पुरुषों को सुरक्षा समिति का सदस्य बनाकर जोड़ा गया है।
यह सब कुछ करना इतना आसान नहीं था, इसके लिये इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा द्वारा गॉवो और वार्डो में जा जा कर आम नागरिको ‘कम्युनिटी सुरक्षा समिति व्हाट्सएप ग्रुप’ से जोड़ने के लिये विशवास में लिया गया और वार्डो, गॉवो में सुरक्षा समितियों का गठन भी किया गया। जिसमें शहरी क्षेत्र में 17 नगरपालिका वार्डो और ग्रामीण क्षेत्र की 19 ग्राम सभाओं के अलग-अलग कुल 36 सोशल मीडिया कम्युनिटी सुरक्षा समिति ग्रुप बनाकर हजारों लोगो को जोड़ा गया है।
यही नहीं, ग्रुप का डिज़ाइन इस तरह से बनाया गया है जिससे वार्ड में उसी वार्ड से और ग्राम सभा में उसी ग्राम सभा के 1000 सदस्य को ग्रुप में जोड़ा जा सकता है, कोतवाली किच्छा पुलिस द्वारा इन ग्रुप के माध्यम से किच्छा कोतवाली क्षेत्र के 36000 लोगो को सोशल मीडिया से जोड़ने की भागीरथी कोशिश की जा रही है। आपदा आने, गुमशुदा होने या कोई विशेष सूचना हो उसे ग्रुप में का आदान प्रदान किया जा रहा है। कई गुमशुदा बच्चो को परिवार से मिलाने में भी यह ग्रुप कामयाब हुए है।
इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा द्वारा इन सभी 36 व्हाट्सएप ग्रुपों के सात व्हाट्सएप कम्युनिटी ग्रुप बनाये गए है, सभी सातों कम्युनिटी ग्रुप के एडमिन प्रभारी निरीक्षक कोतवाली सुंदरम शर्मा है। सभी सातों हल्का की कम्युनिटी ग्रुप के एडमिन सातों हल्का प्रभारीयो को बनाया गया है, जिसके माध्यम से हल्का प्रभारी अपने किसी भी संदेश को ग्रुप के माध्यम से ब्रॉडकास्ट कर सकता है, इन कम्युनिटी सुरक्षा समिति व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से किच्छा क्षेत्र के आम जनमानस और कोतवाली किच्छा पुलिस के बीच सीधा संवाद स्थापित हो गया है।
कम्युनिटी सुरक्षा समिति व्हाट्सएप ग्रुप की पहल से जुड़ कर काफी समस्याओ का समाधान हो जा रहा है। इंस्पेक्टर सुंदरम शर्मा बताते है कि ”किच्छा क्षेत्र के 36000 लोगो को ग्रुप से जोड़ने का उनका लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के बाद क्षेत्र का पचास प्रतिशत हिस्सा पुलिस से सीधे संवाद कर सकेगा। अभी तक नशे के खिलाफ, यातायात, महिला अपराध जैसे अपराधों को नियंत्रण करने के लिये यह ग्रुप पुलिस का मुख्य हथियार बन रहे है। कम्युनिटी पुलिसिंग का यह प्रयोग राज्य में पुलिस को महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करेगा, जिससे अपराधों पर रोक लगेगी।”