फिल्म रिव्यू – ‘अब दिल्ली दूर नहीं’
बैनर – साईनिंग सन स्टूडियोज प्रोडक्शन
प्रोड्यूसर – विनय भारद्वाज,सैयद जी,संजय मावार
एक्टर – इमरान ज़ाहिद, श्रुति सोढ़ी, महेश भट्ट,सत्यकाम आनंद,राजीव मिश्रा
डायरेक्टर – कमल चंद्रा
सिंगर – जुबिन नौटियाल
राईटर – दिनेश गौतम
रेटिंग – 4/5

नई दिल्ली – ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ फिल्म को देखा तो कई कहानियाँ और किस्से याद आ गये। छोटे और निर्धन घरो के प्रतिभाशाली बच्चे ज़िन्दगी में उचाईयो को छूने के लिये गावो से निकलकर शहरों में यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस बनने का सपना लेकर निकलते है। ऐसे बच्चो को अपना सपना पूरा करने के लिये कितना संघर्ष करना पड़ता है, इसकी मिसाल ‘अब दिल्ली दूर नहीं’ फिल्म में अभिनेता इमरान ज़ाहिद ने अभय शुक्ला के किरदार में दिखाने की भरपूर कोशिश की है।

फिल्म की शुरुआत बिहार के एक गॉव से शहर आये छात्र अभय शुक्ला से होती है, जो आईएएस बनने के लिये स्टडी करने अपने दोस्त के पास शहर आता है। लेकिन वहा उसका सामना कई समस्याओ से होता है और शिक्षा माफिया भी उसे पैसे का लालच देकर लक्ष्य से भटकाना चाहता है। लेकिन मज़बूत इरादों के दम पर अभय शुक्ला किसी लालच में नहीं फसता है।
अपनी पढाई को जारी रखने के लिये वो दोस्त का कमरा छोड़ कर किराये के मकान में जाता है, जहाँ मकान मालिक की बेटी श्रुति सोढ़ी उससे प्यार कर बैठती है। जिससे उसका मन अपनी प्रेमिका की तरफ हो जाता है। इसी बीच मकान मालिक के घर एक कामयाब बिजनेसमैन युवक आता है। जिसके पास गाडी से लेकर काफी धन दौलत होती है। अभय के प्रेमिका का झुकाव उसकी तरफ हो जाता है। अचानक अपनी प्रेमिका का बदलाव देख कर अभय शुक्ला दुखी हो जाता है। अपनी प्रेमिका के व्यवहार से वो बहुत गुस्से में होता है।

गुस्से में अभय शुक्ला अपने दोस्त के आने पर उससे शराब लेकर पीता है, फिर उसके अंदर अपने लक्ष्य को पाने की इच्छा जागृत हो जाती है और वो अपनी स्टडी में लग जाता है। फिल्म में फिल्मकार महेश भट्ट एक मंच से अभय शुक्ला के आईएएस बनने के संघर्ष की कहानी सुनते है। फिल्म की कहानी फ्लेशबैक में आगे बढ़ती है और पूरी फिल्म महेश भट्ट के मंच से आगे बढ़ती जाती है। इस फिल्म में अपने दमदार अभिनय से इमरान ज़ाहिद ने दर्शको को बांधे रखा है।
‘अब दिल्ली दूर नहीं’ फिल्म की कहानी एक रिक्शा चालक के बेटे के आईएएस बनने से प्रेरित है और आखिर में अभय शुक्ला की प्रेमिका से मिलन का दृश्य भावुक कर देता है। उसकी प्रेमिका अपनी बेवफाई करने का जो किस्सा अभय शुक्ला को सुनाती है। उसे सुनकर अभय शुक्ला भावुक हो जाता है।

दरअसल अभय की माँ की भेजी गई चिट्ठी से राज खुलता है कि अभय शुक्ला को ज़िन्दगी के जिस सफर में कामयाब होने के लिये भेजा गया है। कही उसका ध्यान न भटक जाये अभय शुक्ला की कामयाबी के लिये उसकी प्रेमिका उससे बेवफाई का नाटक करके उसकी ज़िन्दगी से निकल जाती है और अभय शुक्ला आईएएस बन जाता है। अभय शुक्ला का किरदार निभाने वाले अभिनेता इमरान ज़ाहिद ने जीवंत अभिनय किया है। प्रेमिका की भूमिका में पंजाबी अभिनेत्री श्रुति सोढ़ी ने भी दमदार काम किया है।

फिल्म की कहानी को इस तरह सिलसिलेवार दिखाया गया है कि आज के बेरोज़गार युवाओ के सपने की यही कहानी है। फिल्म को दिनेश गौतम ने लिखा है, इसका निर्देशन कमल चंद्रा ने किया है। फिल्म के प्रोड्यूसर विनय भारद्वाज,सैयद जी,संजय मावार है। फिल्म में जुबिन नौटियाल का गाय एक गाना भी काफी मस्त है। यह फिल्म साफ़ सुथरी और युवाओ को दिशा देने वाली है। जो दर्शको द्वारा काफी पसंद की जा रही है। कम बजट के बाबजूद यह फिल्म दमदार बनी है।
