

काशीपुर – रूस और यूक्रेन की जंग थमने का नाम नहीं ले रही यूक्रेन पर रूस के हमलो का असर यूक्रेन के साथ-साथ भारत के युवाओ के भविष्य पर भी पड़ता दिखाई दे रहा है। मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्र छात्राएं अब अपनी पढ़ाई अधूरी छोड़कर वतन वापसी कर रहे हैं।
रूस – यूक्रेन के बीच का जंग का सिलसिला जारी है। जिसमें हजारों लोगों ने अपनी जान गवा दी है। लेकिन रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है। वही यूक्रेन भी हार मानने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। यूक्रेन और रूस के युद्ध में भारी तबाही हो रही है, जिसका असर भारत में भी दिखने लगा है।

आप को बता दे कि यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय छात्र छात्राये मेडिकल की पढ़ाई कर रहे थे। कुछ छात्र छात्राओं ने वतन वापसी कर ली है, लेकिन कुछ अभी यूक्रेन और उनके आसपास देशों में फंसे हैं उत्तराखंड के बीच सैकड़ों छात्र-छात्राएं एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गए थे। यूक्रेन से लौटने के बाद अब छात्र-छात्राएं यूक्रेन और अपनी सुरक्षा के अनुभव साझा कर रहे हैं।
यूक्रेन में फंसी काशीपुर की छात्रा उंजिला सैफी ने यूक्रेन में आपने सुरक्षा के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बार-बार बमों की आवाज सुनाई देना देती थी एक ही बंकर में 100 से ज़्यादा लोग पनाह पाये हुए थे। खाने की कमी के साथ-साथ सबसे कठिन और चुनौती भरा काम था बॉर्डर पर अपने आप को सुरक्षित पहुंचाना।
उंजिला सैफी का कहना है कि काफी मुश्किल हालात में वो बॉर्डर तक पहुंची,अभी भी वहा के हालत की याद करके रूह काँप जाती है। उन्हें उम्मीद है कि भारत के अलावा अन्य मुल्क के बच्चे भी अपने घरो को सुरक्षित पहुंच जाए। इसके लिये वो दुआ कर रही है।
यूक्रेन से सुरक्षित वापस अपने घर पहुँची उंजिला सैफी के परिवार वालों ने उनका मिठाई खिलाकर स्वागत किया और अपनी खुशी ज़ाहिर की।

ऑपरेशन गंगा के तहत हजारों छात्र-छात्राओं की वतन वापसी हुई है। जिससे इलाके और परिवार में खुशी का माहौल है, तो वही अब अब भी हजारों छात्र-छात्राएं यूक्रेन में फंसे हैं और उनको वतन वापस लाने की कोशिशे अब भी जारी हैं। क्या यह कोशिशे और तेज हो सकती हैं,जिससे अन्य बच्चे भी अपने घर अपने वतन वापस आ सके।