– इंडिया नज़र ब्यूरो
रुद्रपुर – प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने भाजपा जिला कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए केन्द्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश में विकास के नये कीर्तिमान बनाये हैं।
अरविंद पाण्डे ने कहा कि डबल इंजन की सरकार का प्रतिफल है कि उत्तराखण्ड जैसे छोटे से राज्य में दो दो एम्स बनने जा रहे हैं। बीस साल में सरकारें आई गयी। लेकिन भाजपा पर जनता ने विश्वास किया और डबल इंजन की सरकार बनायी। काग्रेस की सरकार में केन्द्र से उत्तराखण्ड को मिलने वाला विकास का पैसा दलाल बीच में ही खा जाते थे।
उन्होंने कहा कि इसे ठीक करने का साहस कांग्रेस में नहीं था। भाजपा ने इसे ठीक किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब जनधन के खाते खुलवाये तो कांग्रेस ने इसका मजाक बनाया। कोविड काल में इसका लोगों को लाभ मिला। लोगों को मुफ्त राशन मिला और जन धन के खातों में पैसा आया। उज्जवला योजना से लाखों लोगों को निःशुल्क गैस दी गयी। घरों में उजाला योजना से बिजली दी गयी। शौचालय दिये गये। ये डबल इंजन का का फायदा है।
श्री पांडेय ने कहा कि आज खेल नीति का लाभ मिलने से खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिल रहा है। प्राईवेट स्कूल कांग्रेस सरकार ठगते थे। लेकिन डबल इंजन की सरकार ने एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करके ऐतिहासिक कदम उठाया। जो पहले दस हजार रूपये में पाठयक्रम आता था आज सात सौ आठ सौ रूपये में पूरा पाठ्यक्रम आता है।
पाण्डेय ने दावा किया कि पूर्ण बहुमत से एक बार फिर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। भाजपा ने युवा नेतृत्व साठ के बार का नारा दिया है। यह साकार होगा इसे कोई रोक नहीं सकता। शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी प्रदेश में अगर भाजपा की सरकार नहीं बनेगी तो यह पीएम मोदी का अपमान होगा और जनता प्रधानमंत्री मोदी का अपमान नहीं होने देगी। जनता जानती है कि अगर कांग्रेस के हाथों में हिंदुस्तान चला जायेगा तो देश के टुकडे टुकड़े हो जायेंगे।
पाण्डे ने कहा कि एक समुदाय विशेष के प्रदेश की मांग उचित नहीं है। ऐसी मानसिकता के लोगों के हाथ में कोई भी प्रदेश जायेगा तो यह देश के साथ खिलवाड़ होगा। कोविड काल में भाजपा सरकार ने विश्व को नई उम्मीद जगाने का काम किया है। ईमानदार और निष्पक्ष सरकार नहीं होती तो कोविड काल में बीमारी से आदमी बाद में मरता पहले भुखमरी उसे मार देती। इन सब बातों को जनता जानती है और इसी लिए चाहे यूपी हो या उत्तराखण्ड यहां पूर्ण बहुमत से जनता भाजपा को पुनः सत्ता सौंपेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी को भी परिवारवाद की राजनीति नहीं करनी चाहिए। परिवार को आगे बढ़ा कर राजनीति करना अशोभनीय हैं, ऐसे लोगों का पतन निश्चित है। जब परिवारवाद हावी होता है तो जनता हाशिये पर चला जाता है। पाण्डे ने कहा कि देश में जो विपक्ष की भाषा है वही भाषा पाकिस्तान में बोली जाती है, यही भाषा चीन में बोली जाती है। उत्तराखण्ड की जनता पढ़ी लिखी है और यह सैनिक बाहुल्य प्रदेश है यह की जनता सब समझती है और सोच समझकर फैसला करेगी।
आज की जो कांग्रेस परिवारवाद में डूब चुकी है और वामपंथियों से मिल चुकी है। भाजपा देश हित की सोच रखने वाली पार्टी है और कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। जो लोग कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता वाली सोच रखते हैं वो भाजपा छोड़कर जा रहे हैं ऐसे लोगों के जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
शिक्षा मंत्री ने कहा कुछ राजनीतिक दल धर्म के आधार पर राजनीति करते हैं उन्हें जनता सबक सिखायेगी। रातों रात तबादलों के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जो भी ट्रांसफर हुए हैं वो ना तो मुख्यमंत्री ने किया है न ही शिक्षा मंत्री ने किया। ट्रांसफर एक्ट के अलग जो ट्रांसफर्ट होते हैं वो धारा 27 के तहत होते हैं। जिसका अध्यक्ष चीफ सेकेट्री होता है इसमें गंभीर बीमारी या अन्य आवश्यक कारणों से ट्रांसफर का अधिकार सिर्फ चीफ सेकेट्री को होता है। चुनाव आयोग को लगा कि इस समय ट्रांसफर नहीं होने चाहिए तो उन्होंने रोक दिया।
शिक्षकों की नाराजगी के सवाल पर पाण्डे ने कहा कि शिक्षा विभाग पहले उद्योग विभाग जाना जाता था। लेकिन हमने कोई गलत ट्रांसफर और पोस्टिंग नहीं की। हमारा एक ही उद्देश्य था कि शिक्षा की गुणवत्ता ठीक होनी चाहिए। यही वजह है कि हमने एनसीईआरटी लागू की और शिक्षा विभाग की विसंगतियां दूर की। पहाड़ों में भी हमने शिक्षकों की तैनाती की। आज उत्तराखण्ड शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में देश में चौथे स्थान पर है। उत्तराखण्ड पहला ऐसा प्रदेश है जहां हमने शिक्षा नियामक प्राधिकरण लागू किया है। शिक्षा मंत्री के हारने के मिथक पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि गदरपुर की जनता एक बार फिर उन्हें जीताकर प्रदेश कैबिनेट में स्थान देगी और हारने के मिथक को अवश्य तोड़ा जायेगा।
पत्रकार वार्ता में भाजपा नेता विजय मंडल विवेक सक्सेना, ललित मिगलानी राजेंद्र श्रीधर ईश्वरी प्रसाद राठौर उपस्थित थे