
किच्छा- उत्तराखंड पुलिस के सिपाहियों के 2001,2002 बेच को 4600 ग्रेड पे नहीं देनें के भाजपा सरकार के निर्णय की पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलक राज बेहड़ नें कड़ी निंदा की है।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री तिलक राज बेहड़ नें कहा कि उत्तराखंड पुलिस में सबसे पहले वर्ष 2001 में भर्ती हुई थी। इस बैच के सेवारत सिपाहियों को 20 साल की सेवा के बाद 4600 ग्रेड पे दिए जाने की बात कही गई थी। वर्ष 2021 में था उन्हें बीस साल का समय हुआ तो सिपाहियों ने इसकी मांग शुरू की।
सोशल मीडिया पर आंदोलन शुरू हुआ और फिर उनके परिजनों ने धरातल पर भी इस आंदोलन को उतार दिया। इस आंदोलन को सामाजिक संगठनों का भी साथ मिला। पुलिस कर्मियों के समर्थन में युवाओं ने भीषण गर्मी में रुद्रपुर से लेकर खटीमा मुख्यमंत्री आवास तक पैदल पदयात्राएं भी कर डाली कई चरणों में चले आंदोलन के बाद अक्टूबर में डीजीपी ने आश्वासन दिया था।
श्री बेहड़ ने कहा कि धामी सरकार ने साल के आखिर में 4600 ग्रैड पे देनें की घोषणा भी की, लेकिन भाजपा सरकार ने ऐन आचार संहिता लागू होने से पहले 4600 ग्रैड पे के स्थान पर अब उन्हें दो लाख रुपये एकमुश्त दिए जानें का शासन आदेश जारी कर पुलिस कर्मियों के साथ बड़ा भारी धोखा किया है। आखरी वक़्त पर यह इसलिए किया गया कि आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के कारण पुलिस परिवार एवं सामाजिक संस्थाएं कोई जनांदोलन न कर सके, यह बिल्कुल बर्दाश्त से बाहर है।
श्री बेहड़ कहा कि भाजपा सरकार के इस धोखे के बाद पुलिस परिजनों में नाराजगी बढ़ गई है। इस संदर्भ में वह आज ही काँग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से वार्ता करेंगे।