

काशीपुर – ‘जाको राखे साइयां मार सके ना कोय’ यह कहावत उस नवजात मासूम पर सच साबित हुई है,जिसे उसको जन्म देने वाली माँ ने ही गले में कपड़ा ठूस कर उसे एक खेत में मरने के लिये छोड़ दिया था। माँ की ममता को शर्मसार कर दिया।
लेकिन कहावत है कि जिसको ऊपर वाला ज़िन्दगी दे उसे कोई नहीं मार सकता। यह तो गनीमत रही कि इस मासूम नवजात बच्चे को खेत में किसी ने पड़ा देख लिया और उस बच्चे की जान बच गई।
इस नवजात बच्चे को पैदा होते ही बड़ी ही क्रूरता से गले में कपड़ा ठूस कर और कपड़े में लपेट कर फेका गया था ताकि बच्चे के रोने की आवाज ना आये। जी हां ये सुनकर आपकी भी रुह कांप जाएगी, क्योंकि ये कोई कहानी नहीं बल्कि हकीकत घटना काशीपुर की है, लेकिन बच्चे की किस्मत में शायद जिन्दगी का सफर बाकी था कि वो बच्चा बच गया, लेकिन जिस कोख से इस बच्चे ने जन्म लिया उसने इसे किस क्रूरता से मरने के लिए छोड़ दिया था।
जन्म लेते ही जिस बच्चे को मां के सीने से लगा होना चाहिए था, वो बच्चा खेत में फेंक दिया गया, बच्चे की सांसे ना चलें और उसकी रोने की आवाज किसी के कानो तक सुनाई ना दे, इसलिए उसके मुंह में कपडा ठूंस दिया गया, ये किसी क्रूरता से कम नहीं, मगर बच्चे की किस्मत में शायद कुछ और ही लिखा था, इसलिए खेत में फेंका गया बच्चा एक व्यक्ति को दिखाई दिया, कपडे लिपटा और छटपटाहट का वो दृश्य देख उस व्यक्ति ने आस पास के लोगों को बुलाया और दिखाया कि इस कपड़े में कुछ है जो हिल रहा है।
जब कपड़ा हटाया गया तो सभी हैरान थे, क्योंकि कपड़े में लिपटा हुआ एक नवजात शिशु था, जिसके मुंह में कपड़ा ठूसा गया था, जिससे उसकी आवाज किसी को सुनाई ना दे और बच्चे की जीवन लीला समाप्त हो जाए। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था, बच्चे की आवाज भगवान के कानों तक जरूर पहुंची होगी। जो बच्चा किसी तरह से बच गया और अब सरकारी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है।
पूरा मामला काशीपुर के ढकिया गुलाबो का है, जहां खेत में एक नवजात बच्चे को कोई अज्ञात व्यक्ति फेंक कर चला गया, जिसे गांव के ही प्रमोद कुमार अपने खेत पर सबसे पहले देखा, वहीं पुलिस ने बताया कि सूचना मिलने पर तत्काल डॉक्टरों की टीम बुलाकर बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया, और बच्चे को सकुशल फिलहाल सरकारी अस्पताल में रखा गया है।
जहां एक तरफ बेऔलाद लोग औलाद के लिए दर दर भटकते हैं और मंदिर मस्जिदों दरगाहो पर मनोतिया मांगते है। लेकिन यहां तो एक माँ ने ही अपनी ममता को शर्मसार कर दिया और अपनी औलाद को फेक दिया।
मामला भले ही यह किसी अनब्याही माँ का हो,लेकिन किसी को भी नवजात की ज़िन्दगी लेने का हक नहीं है। समाज के डर से अपने किये गये पाप की सजा मासूम को देना सबसे बड़ा पाप है।
बहरहाल नवजात को गोद लेने के लिये कई लोग प्रयास कर रहे हैं,जिसकी मौत जन्मदाताओं ने चाही, शायद उसे बेहतर भविष्य मिल जाये, ऐसी दुआ सब कर रहे है।