– प्रदीप बंसल,एमडी बंसल ज्वैलर्स
रुद्रपुर – उत्तराखंड में इस वर्ष की दीवाली खुशियों की सौगात लेकर आई है,बीते दो सालो से कोरोना वायरस और मंदी ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी थी। लेकिन इस बार ईश्वर के कृपा से पिछले दो सालो से मनाई जा रही दिवाली से बिलकुल अलग है,बाज़ार में रौनक लौट आई है और परिवार में खुशिया भी। लेकिन इसके बाद भी सावधानी से अपना यह त्यौहार मनाये जिससे आपके परिवार में सुख शांति बनी रहे और लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। पूरे विश्व में कोरोना वायरस फैलने से भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। ऐसे में दो साल बाद परिवार में खुशियाँ बाटने का मौका मिला है। बाज़ार भी मंदी की मार से अब उबार रहा है, पहले जैसी चहलपहल शुरू हो गई है, बाज़ार सज गये है। यह त्योहार परिवार और रिश्तेदारों में खुशिया बाटकर मनाने का है।
यही नहीं,अगर इस दीपावली के प्रकाशोत्सव पर आप किसी गरीब की मदद करते है,तो इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता। आप को अलग सुखद एहसास होगा। साथ ही आप अपने घर के आसपास बृक्षारोपण करे,दिये जलाये जिससे माहौल सुगन्धित रहे और पर्यावरण में सुधार हो।
भगवान् श्री राम के बनवास से वापस अयोध्या लौटने पर शुरू हुई थी दीपावली की परम्परा
सनातन धर्म की मान्यता है कि दिवाली के दिन ही श्री राम जी वनवास से अयोध्या लौटे थे। अयोध्या वापस लौटने की खुशी में ही दीपावली मनाई गई थी। मंथरा की गलत विचारों से भ्रमित होकर भरत की माता कैकई ने श्री राम को उनके पिता दशरथ से वनवास भेजने के लिए वचनबद्ध करा दिया था। मर्यादा पुरुषोत्तम राम अपने पिता के आदेश को मानते हुए अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षो का वनवास काटा था। अपना 14 वर्ष का वनवास पूरा करने के बाद श्री राम जी दिवाली के दिन अयोध्या वापस लौटे थे। राम जी के वापस आने की खुशी में पूरे राज्य के लोग रात में दीप जलाये थे और खुशियां मनाई थी। उसी समय से दिवाली मनाई जाती है।
इस साल भगवान् श्री राम की अयोध्या नगरी में भी उत्तर प्रदेश सरकार भव्य दीपोत्सव का आयोजन कर रही है। सरकार भव्य राम मंदिर के निर्माण में भी लगी हुई है। तो दीवाली का उत्सव बहुत जोशोखरोश से होगा। यह दिवाली आपको और आपके परिवार को सुख,शांति एवं समृद्धि दे इसी शुभकामनाओ के साथ आपके आशीर्वाद की अपेक्षा है।