
– उत्तराखंड में कुदरत का कहर, मौत का तांडव– बिन मांगी बरसात ,आफत बेहिसाब– बादलों ने फिर बरपाया कहर– कुदरत का रौद्र रूप,आसमान से बरसती मौत-उफनते नदी नाले ,हर तरफ तबाही का मंजर

काशीपुर – आफत की बारिश ने तबाही का वो मंजर दिखाया कि उत्तराखण्ड के पहाड़ दरकने लगे और तराई क्षेत्र में नदियों का जलस्तर उफान पर आ गया, जिससे नदियों के किनारे बसे लोग पानी के सैलाब से अपनी जान बचाने की दुहाई मांगने लगे, कोसी और ढेला नदी ने जो रौद्र रूप दिखाया, उससे आस पास के लोग सहम गये और प्रशासन भी बढ़ते जलस्तर से चिंता में है, जिसके लिए प्रशासन ने कमर कसते हुए लोगों की जान बचाने के साथ ही राहत और बचाव कार्य भी शुरू कर दिये है।

तीन दिन से आसमान से बरस रही आफत की बारिश ने तबाही मचा कर रख दी है, नदियों के किनारे बसे लोगों को घर छोडकर आसरा तलाशना पड रहा है, तो दूसरी और लगातर बढता जल स्तर कई लोगों के लिए खतरा बना हुआ है। यही नहीं, कोसी बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने से तराई के हिस्सों में नदियों का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, कोसी और ढेला नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की जान आफत में ही वहीं प्रशासन ने भी बढ़ती मुसीबत को देखते हुए अलर्ट घोषित कर कई क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है।
इसके साथ ही करीब 14 परिवारों को सिफ्ट करते हुए सेल्टर हाउस भेज दिया गया है, इसके साथ ही अन्य कई क्षेत्रों को एलर्ट पर रखते हुए सभी विभागों को राहत बचाव कार्य में लगा दिया गया है, एसडीएम आकांक्षा वर्मा ने कई स्थानों पर मौका मुआयना करते हुए जलभराव से जूझ रहे लोगों को जल्द राहत देने के निर्देश देते हुए सुरक्षित स्थानों पर व्यवस्था बनाने को कहा है।
लगातार हुई बारिश से उत्तराखंड में तबाही का वो मंजर दिखाया,जैसा पहले कभी नहीं देखा था। उत्तराखण्ड के पहाड़ दरकने लगे, आसमान से बरसती मौत कुदरत के इस कहर से लोगों खौफ-ज़दा कर दिया, किसानों की लहराती फसले नष्ट हो गई। कुदरत के कहर के आगे सभी लाचार और बेबस है। अब बस कुदरत से ही रहम की उम्मीद लगा रहे हैं। देखने वाली बात होगी कि कब उत्तराखंड में तबाही का मंजर शांत होता है।