
– काशीपुर से दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त से भाजपा हाईकमान परेशान।– आखिर किसकी झोली में गिरेगा भाजपा का टिकट।– विधायक पुत्र की दावेदारी से भाजपा नेताओं का हाजमा खराब।– टिकट की दावेदारी को लेकर चल रही नूराकुश्ती।

काशीपुर – भाजपा में टिकट के दावेदारों के बीच घमासान मचा हुआ है, काशीपुर सीट में मचे इस घमासान से हाईकमान के सामने भी दावेदार का चयन करना मानों कोयले की खान से हीरा तलाशने जैसा हो गया है।
दरअसल ये घमासान वर्तमान विधायक हरभजन सिंह चीमा के टिकट की दावेदारी छोड़ देने के बाद मचा है, जहां चीमा ने अपने पुत्र को अगले दावेदार के रूप में पेश किया है, तो वहीं पैराशूट कैंडिडेट के तौर पर बलराज पासी की गतिविधियों से काशीपुर भाजपा में भूचाल ला दिया है। वही दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां भाजपा में टिकट की दावेदारी को लेकर चल रही नूराकुश्ती पर जमकर चुटकी ले रही है।
काशीपुर विधानसभा सीट पर भाजपा का पिछले बीस सालो से कब्जा है और कब्जा भी ऐसा की इस सीट पर भाजपा हमेशा अपनी झोली में मानती रही है। लेकिन इस सीट पर जिसने भाजपा को चार बार से जीत का स्वाद चखाया है, वो हरभजन सिंह चीमा अब राजनीतिक संन्यास लेकर अपने बेटे को अपना राजनीतिक वारिस बना कर टिकट की मांग कर रहे है। जिसके बाद टिकट की चाहत रखने वाले भाजपा नेता सक्रीय हो गये है।

काशीपुर क्षेत्र में कई बाहरी प्रत्याशी भी इस सीट पर अपनी दावेदारी जता रहे है। तो कोई राजा का बेटा ही राजा होगा, इस परम्परा को बढा रहा है, वहीं कुछ दावेदार ऐसे भी है जो पार्टी की सेवा करते हुए बाल सफेद कर चुके हैं, लेकिन पार्टी आज भी उनकी निष्ठा को नजर अंदाज करके बैठी है। जबकि काशीपुर से दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त से हाईकमान के सामने कई संकट खडे हो रहे हैं,पार्टी में ही अंदरुनी गुटबाजी भी खुल कर सामने आने लगी है।

काशीपुर सीट पर दावेदारी का घमासान सिर्फ भाजपा में ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी है, लेकिन पुत्र मोह का जो दांव भाजपा विधायक हरभजन सिंह ने खेला है। उससे काशीपुर सीट पर भाजपा में दावेदारों का घमासान छिड़ गया है, भाजपा विधायक के बेटे को टिकट का दावेदार बताने के बाद कांग्रेस और आम आदमी पार्टी जमकर भाजपा के खिलाफ बयानबाजी कर रही है, जिससे भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है।

भाजपा में मचे टिकट के घमासान से पार्टी हाईकमान के सामने दावेदार का चयन करना बड़ी चुनौती बन गया है। एक तरफ विधायक पुत्र की दावेदारी से अन्य भाजपा नेताओं का हाजमा खराब हो रहा है, तो दूसरी ओर पार्टी में पकड और मंत्री की नजदीकी से टिकट की दौड़ में बढ़ रहे बलराज पासी के जनसम्पर्क से खलबली मची हुई है।
देखना होगा कि आखिर किसकी झोली में भाजपा का टिकट गिरेगा है ? हाई कमान नये चेहरे को मौका देता है या पराशूट प्रत्याशी उतारता है या पुराने निष्ठावान कार्यकर्ता पर भरोसा करता है ? जो भी काशीपुर की लड़ाई दिलचस्प होगी।