– विक्की रस्तोगी
प्रयागराज – अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के दिवंगत अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरि और हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी को महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में प्रयागराज की एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
महंत नरेंद्र गिरि (72), सोमवार (20 सितंबर) को यूपी के प्रयागराज के बाघंबरी मठ में अपने कमरे के अंदर मृत पाए गए थे और आरोपी आनंद गिरि और तिवारी के नाम एक कथित सुसाइड नोट सामने आया था, जिसके बारे में कहा जाता है कि कथित तौर पर आत्महत्या से कुछ समय पहले हिंदू संत द्वारा लिखा गया था।
कथित तौर पर महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि उन्हें डर है कि आनंद गिरि उन्हें बदनाम करने के लिए एक महिला के साथ उनकी एक विकृत तस्वीर जारी कर सकते हैं और उनके लिए स्पष्टीकरण देना संभव नहीं होगा। उन्होंने यह भी व्यक्त किया था कि आनंद गिरि के उनके खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं के झूठे आरोपों से वह बहुत परेशान थे।
आनंद गिरि (आईपीसी की धारा 306 के तहत दर्ज मामला) के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि महंत नरेंद्र खुद कहते थे कि आनंद गिरि उन्हें परेशान कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रयागराज कोर्ट में पेश करने से पहले शिष्य आनंद गिरी और हनुमान मंदिर के पुजारी आद्या तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी से पुलिस ने मामले के संबंध में 12 घंटे तक पूछताछ की।
निरंजनी अखाड़े ने महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को नकली बताते हुए खारिज कर दिया है और कहा है कि उन्हें लिखना नहीं आता था।
गौरतलब है कि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष एक पत्र याचिका भी दायर की गई है जिसमें मांग की गई है कि सीबीआई मामले की जांच करे।