– विक्की रस्तोगी
लखनऊ – सीएम योगी आदित्यनाथ के पराली जलाने वाले किसानों के विरुद्ध दर्ज मुकदमे वापस लेने के एलान से तकरीबन 1000 किसानों की बड़ी राहत मिलेगी। गृह विभाग ने जिलों से दर्ज केस का ब्योरा मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रीय हरित अधिकरण(एनजीटी) द्वारा पराली जलाने से हो रहे वातावरण प्रदूषण की रोकथाम के आदेश दिए गए है। राज्य सरकार ने इसके बाद पराली जलाने पर रोक लगाने के साथ पराली जलाने वालों के खिलाफ विधिक कार्यवाही के आदेश दिए थे।
मेरठ,शामली,बिजनौर, पीलीभीत, रामपुर,अमरोहा, संभल,मैनपुरी, आगरा, एटा, हाथरस, कासगंज, कानपुर नगर, कानपुर देहात ,औरैया, झांसी,ललितपुर ,हरदोई, खीरी, रायबरेली,उन्नाव, अयोध्या, अंबेडकर नगर, अमेठी,कौशाम्बी, प्रतापगढ़, देवरिया, कुशीनगर ,महाराजगंज, सिद्दार्थनगर, बलरामपुर, चंदौली, जौनपुर,बलिया, मऊ, मिर्जापुर, भदोही और गौतमबुद्ध नगर* इत्यादि जिलों में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ एफआईआर की जानकारी सामने आई है।
सर्वाधिक मामले पीलीभीत, लखीमपुर खीरी और महाराजगंज के बताए गए है। इससे किसानों में जबरदस्त नाराजगी थी। जानकारी के मुताबिक इसके बाद भी प्रदेश में पराली जलाने के 1000 से अधिक एफआईआर दर्ज हुई।इन मामलों से जुड़े किसानों को कोर्ट कचहरी, पुलिस के चक्कर काटने पड़ रहे है। चुनाव से पूर्व सरकार ने मुकदमा वापसी की घोषणा कर किसानों की नाराजगी दूर करने की पहल की है।