

बाजपुर – केंद्र सरकार के तीन कृषि बिलो का विरोध अब भी लगातार बना हुआ है। किसानो का गुस्सा काम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। तराई के सिख बाहुल्य बाजपुर से दर्जनों वाहन से सैकड़ों किसानो ने गाजीपुर बॉर्डर के लिए कूच किया।
करमचंद पडडा किसान यूनियन के अध्यक्ष का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार ने जो तीन काले कानून किसानों को थोपे है। इसके विरोध स्वरूप जंतर मंतर पर धरना देंगे और जब तक इन काले कानून वापस लेंगे किसान आंदोलन करते रहेंगे।
प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ गणेश उपाध्याय का कहना है कि घमंड तो रावण का भी नहीं रहा, यथा शीघ्र ही 2022 में इसका जवाब उत्तराखंड के लोग देंगे। बड़ा दुर्भाग्य है आज डीजल के मूल्य बढ़ने पर प्रति एकड़ ₹7000 अतिरिक्त लागत बढ़ चुकी है,जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य धान में मात्र ₹72 की बढ़ोतरी करके किसानों के लिए भद्दा मजाक किया है।
उत्तराखंड सरकार को चाहिए कि कम से कम ₹200 न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करनी चाहिए। आज जिस तरह से महंगाई बढ़ चुकी है आम जनमानस ,मजदूर व्यापारी ,बेरोजगार लोग जो रोजगार के लिए तरस रहे हैं। काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उत्तराखंड की जनमानस 2022 में इसका जवाब देगीं।
इस अवसर पर करमचंद पडडा किसान यूनियन के अध्यक्ष सहित प्रदेश के उपाध्यक्ष डॉ गणेश उपाध्याय, प्रेम सिंह सहोता, रंधावा सहित दर्जनों गाड़ियों के साथ रवाना हुए। दलजीत सिंह ,बबलू नामधारी ,कुलविंदर सिंह, महिपाल सिंह बोरा ,अहमद यार, सैकड़ों लोग मौजूद थे।