
– मुन्ना अंसारी
लालकुआँ – प्रगतिशील महिला एकता केंद्र ने बढ़ती महंगाई के विरोध में शहीद स्मारक से होते हुए लालकुआं मार्केट में महंगाई के पुतले के साथ जुलूस निकालते हुए रेलवे स्टेशन तिराहे पर सभा कर मोदी सरकार का पुतला दहन किया ।
इस दौरान सभा में प्रमएके की उपाध्यक्षा बिंदु गुप्ता ने कहा आज हर उपभोक्ता सामानों में महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, खाद्य तेल, सब्जियां, दूध, मीट, मांस, अंडा दालें आदि तमाम उपयोगी चीजें लगातार महंगी होती जा रही हैं। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से इन तमाम उपभोक्ता सामानों में महंगाई की बढ़ोतरी जारी है। जबकि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से डीजल, पेट्रोल के अंतर्राष्ट्रीय दामों में काफी कमी आई है और मोदी सरकार ने इनमें दाम कम करने के बजाए टैक्स में बढ़ोतरी कर दी है। जिससे महंगाई आसमान छू रही है ।
परिवर्तनकामी छात्र संगठन (पछास) के केंद्रीय कोष सचिव महेश ने कहा कि 1990 के बाद से भारत की सरकारों ने कल्याणकारी राज्य के नाम मात्र का चोला जो पहना हुआ था वह भी अब उतार दिया है। इसी का परिणाम है कि डीजल , पेट्रोल, रसोई गैस, खाद्य तेल, बीज, खाद सहित अन्य उपभोक्ता सामानों में मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया जा रहा है। सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों में मिलने वाले सामानों से भारत जैसे गरीब देशों के निवासियों को कुछ मदद मिल जाया करती थी। इन तमाम चीजों में कटौती की जा रही है। जिससे गरीबों मजदूर मेहनतकशों पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है। इसी तरह शिक्षा, स्वास्थ्य आदि मदों में भी महंगाई काफी बढ़ती जा रही है। रोजगार की कमी लोगों की न्यूनतम तनख्वाहों एवं छिनती नौकरियों ने आग में घी डालने का काम किया है ।
इमके के बाबू लाल ने कहा महंगाई बढ़ाने का एक और कारण जमाखोरी और सट्टे बाजारी है। मोदी सरकार ने इस पर रोक लगाना छोड़ कर 3 विवादित कृषि कानूनों में एक कानून जमाखोरी को बढ़ावा देने वाला भी है। आने वाले भविष्य में यह महंगाई को और बढ़ाएगा। इसलिए आज गरीबों, मजदूरों-मेहनतकशों पर महंगाई की सबसे अधिक मार पड़ रही है। इसलिए हमें इसके विरोध में खड़ा होना चाहिए ।
कार्यक्रम में बिंदू गुप्ता, पुष्पा, महेश चन्द्र, पिंकी कुमारी, सुधा देवी, सरस्वती देवी, पिंकी गुप्ता, कमला देवी, मंजू देवी, भावना, विमला देवी, रेखा, पिंकी, नैना कुमारी, राकेश कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, बाबू लाल, कमलेश, मुन्ना कुमार सहित तमाम लोग मौजूद थे।