

काशीपुर – उत्तराखंड की मित्र अपनी छवि सुधारने में किस तरह लगी हुई है। इसके लिये यह स्लोगन ही काफी है जिसमे थाने की मुख्य बिल्डिंग में लिखा है कि ‘दलालो का प्रवेश वर्जित है,शिकायतकर्ता अपनी समस्या स्वयं रखे’।
यह स्लोगन उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के थाना कुंडा में लिख कर पुलिस ने यह सन्देश देने की कोशिश की है कि मित्र पुलिस आपकी सभी समस्याओ का हल बिना दलालो के करने के लिये सदैव तैयार है।
आपको बता दे कि दागदार होती खाकी की छवि सुधरने के लिये राज्य के पुलिस के मुखिया अशोक कुमार ने सख्त निर्देश दे रखे है कि किसी भी हाल में पुलिस की छवि को खराब करने वाले किसी भी पुलिस कर्मी को बक्शा नहीं जायेगा। जिसके बाद राज्य में पुलिस की तस्वीर बदल रही है, जिसकी नज़ीर अब मिलनी भी शुरू हो गई है।
दरअसल पहले पुलिस के पास अपनी समस्याओ के समाधान के लिये पीड़ितों को राजनीतिक दल के नेताओ और दलालो का सहारा लेना पड़ता था। लेकिन अब बेखौफ होकर पीड़ित स्वयं अपनी समस्याए रख पा रहे है और पीड़ितों को दलालो से मुक्ति मिली है।
हैरानी भरी निगाह से हर कोई दीवार पर लिखे शब्दों को बड़े ही गौर से पढने को मजबूर हो जाता है। थाने में ऐसे स्लोगन कभी नज़र नहीं आते है। लेकिन ऐसा पुलिस को मजबूरी में लिखवाना पड़ रहा है। खाकी से लगातार आम आदमी का भरोसा टूट रहा है। पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है अपराधियों का पुलिस से गठजोड़ है। पुलिस की इसी छवि को बदलने के लिये राज्य के डीजीपी अशोक कुमार की मुहीम अब कामयाब होने लगी है।
राज्य में पुलिस पर भरोसा जगा है और लोगो को उत्तराखंड की मित्र पुलिस न्याय दिलाने में अग्रणी भूमिका में आ गई है। अब सवाल यह है कि क्या यह भरोसा आगे भी कायम रह पायेगा या नहीं ? जो भी हो, यदि खाकी ने अपने निष्पक्ष तेवर दिखाये तो आने वाले समय में पुलिस की मैली तस्वीर बदल जायेगी।
थाना कुंडा के थानाध्यक्ष अरविन्द चौधरी का कहना है कि कुछ लोगो अपनी समस्याये नही रख पाते थे और अन्य लोगो के माध्यम से आते थे,कुछ लोग पीड़ितों से पैसे ले लिया करते थे। अब पीड़ित स्वयं आये उसकी फ़रियाद सुनी जायेगी।