

रुद्रपुर – उत्तराखंड की मित्र पुलिस के पिथौरागढ़ में तैनात दो पुलिस कर्मियों की चरस तस्करी में गिरफ्तारी ने खाकी को शर्मसार करके रख दिया है। इनके साथ दो अन्य लोग भी गिरफ्तार किये गये है,अब पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह पुलिस कर्मी चरस तस्करी में कब से लिप्त थे।
एसएसपी जिले में मादक पदार्थों और नशे के कारोबार के खिलाफ पूरे जिले में एक अभियान चलाये हुए है। आज किच्छा पुलिस को चेकिंग के दौरान दो गाड़ियों को घेर कर तलाशी ली तो दोनों गाड़ियों में 8.08 किलोग्राम अवैध चरस मिली, पुलिस उस समय हैरान रह गई कि जब पकडे गए लोगो से पूछताछ की तो चार तस्करो में से दीपक पांडे व प्रभात सिंह बिष्ट पिथौरागढ़ पुलिस में तैनात दोनों पुलिस कर्मी निकले,इनके साथ खटीमा निवासी विपुल शैला व पीयूष खड़ायत को गाडी संख्या यूके 05 टी ए 2091 एवं यूके 04 सी 2114 के साथ गिरफ्तार किया गया। अब चरस के साथ पकडें गए सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है ।

एसएसपी दलीप सिंह कुँवर ने अपने कार्यालय में पुलिस कर्मियों के चरस काण्ड का खुलासा करते हुए जानकारी देते हुए बताया कि लालपुर मज़ार के पास किच्छा पुलिस की टीम तलाशी अभियान चला रही थी। तब पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली। इनके पास से 8.08 किलोग्राम अवैध चरस बरामद की, इस बरामद चरस की कीमत बीस लाख रूपये आंकी गई है। पुलिस अब इन तस्करो को रिमांड पर लेकर इनके सूत्रों की जानकारी लेगी। जिससे इनके रैकेट का पता लगाया जा सके। एक अन्य पुलिस कर्मी का नाम भी चरस सप्लाई में आ रह है उसकी भी जांच की जा रही है।
वही चरस के साथ पकडें गए आरोपी विपुल शैला के माता पिता दोनो ही नैनीताल पुलिस मे तैनात है। अपने पुत्र की इस हरकत से उन्हें भी शर्मसार होना पढ़ रहा है। एसएसपी दलीप सिंह कुँवर ने गिरफ्तार करने वाली पूरी टीम को ढाई हज़ार रूपये पुरूस्कार देने की घोषणा की है।
बहरहाल जो भी हो, खाकी वर्दी पहन कर तस्करी जैसे अपराध में लिप्त होना और ऐसे अपराधी तत्वों से मेलजोल रखने की यह कोई पहली घटना नहीं है,इससे पहले भी पुलिस पर ऐसे आरोप लगते रहे है। ऐसे में राज्य के पुलिस के मुखिया को पुलिस के भीतर ऐसे अपराधी तत्वों की छानबीन कर उनपर अंकुश लगाने की कोशिश की जानी चाहिए जिससे मित्र पुलिस का स्लोगन साकार हो सके।