– अज़हर मलिक
काशीपुर – ”हवाएं भी जिनके खिलाफ थी, फिजा जिसके विरोध में खडी थी, लेकिन वो बरगद को हिला नहीं पायी, और जड़ों से मजबूत वो आज भी डट कर खडा है” किसी शायर का यह शेर पत्रकारिता के दम पर पूर्व और वर्तमान सरकार की जड़े हिलाने वाले उमेश कुमार पर फिट बैठता है ,जिन्होंने निष्पक्षता,निडरता से अलग मुकाम हासिल किया और समाज के लिए मिसाल बनकर उभरे।
उमेश कुमार ने पत्रकारिता का वो स्तम्भ स्थापित किया, जिससे सत्ता भी हिल गई। उनके खिलाफ काफी षड्यंत्र रचे गये, लेकिन उनके हौसले और सच्चाई के आगे सब धराशाही हो गये। अब यह पत्रकार कोरोना महामारी के संकट में ज़रूरतमंदो की मदद में लगा हुआ है।
जी हां ! ये वोही उमेश कुमार है जिन्होने उत्तराखंड में कांग्रेस की तत्कालीन सरकार को हिला कर रख दिया था, जिसके बाद भाजपा प्रदेश सरकार को भी अपने तल्ख तेवरों से बताना नहीं भूले कि उनकी कलम सच्चाई के साथ है, भले ही तमाम साजिश और षड्यंत्र में घेर कर उमेश कुमार के इरादों को तोड़ने की कोशिश की गयी। लेकिन जिनके इरादे मजबूत होते हैं उनके हौसलों की उडान कोई रोक नहीं सकता, ये साबित करते हुए उमेश कुमार ने हर चुनौती को स्वीकर किया। आज उनकी एक विषेश टीम उत्तराखण्ड के हर दुर्गम क्षेत्र तक पहुंच कर मदद पहुंचा रही है, जो उमेश कुमार की एक अलग ही पहचान बना रही है।
वहीं उमेश कुमार का कहना है कि उत्तराखण्ड में विपक्ष नाम का है, तो सत्ता पक्ष के लिए कुछ भी कहना इस लिए सही नहीं, क्योकि मुखिया अभी काम समझ ही नहीं पाये है। हां उनकी टीम ज़रूर प्रदेश में हर जरुरतमंद तक पहुंच कर मदद के लिए तैयार है।