

काशीपुर – केंद्र सरकार ने 13 महीने में 43 बार पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी कर दी ,इसको लेकर आज राज्य भर में कांग्रेस ने पेट्रोल पम्पो पर धरना प्रदर्शन किया। कॉंग्रेसियो का कहना था कि आखिर जनता महंगाई के इस बोझ से कैसे उभरे ? ये सवाल आज आम जनमानस के जहन में है।
यही नहीं,आंदोलनकारी नेताओ का कहना था कि रसोई से तडके का स्वाद भी अब महंगाई की खटास में फीका पड़ने लगा है, केंद्र की सत्ता में काबिज नुमाईंदे, जो कभी मामूली से मूल्य वृद्धि पर सडको पर आंदोलन तहलका मचाते थे। आज वो तूफानी महंगाई के दामों पर चुप्पी साधे बैठे है, कांग्रेस बढ़ती महंगाई को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रही है।
नये नये तरीको से कांग्रेस भी अपना विरोध जताने की कोशिश कर रही है। पेश है काशीपुर से एक खास रिपोर्ट-
देखिये कैसे कांग्रेसी आंदोलनकारी पेट्रोल की बेतहाशा कीमते का विरोध करने के लिए स्कूटी को ठेले पर लाड कर ले जा रहे है,तो कही कांग्रेसी भेस के आगे बीन बजा रहे है। लेकिन इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
एक तरफ कोरोना महामारी का संकट और जेब टाईट तो दूसरी तरफ रसोई का बजट पूरी तरह से बिगडा हुआ है। पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे है, ये वास्तव में अच्छे दिन ही है जो आम आदमी खुद को जिन्दा रखने की जद्दोजहद में लगा है कुछ कह भी नहीं सकता। पेट्रोल डीजल के दाम तो मानों रॉकेट पर बैठे हो, नीचे उतरने का नाम नहीं ले रहे, तो दूसरी ओर घरेलू आवश्यकताओं की चीजें भी महंगाई का दामन नहीं छोड़ रही है।
जिसकी वजह से रसोई का जायका फीका पड रहा है, जनता इसी उम्मीद में है कि आखिर वो अच्छे दिन कब आएंगे। अच्छे दिन के सपने देखने वालों ने जिस तरह से आंदोलन के पैंतरे दिखाये वो जग जाहिर है। पेट्रोल डीजल के दाम हों या फिर घरेलू आवश्यकताओं की वस्तुएं सभी मुद्दों पर जनता के साथ मिलकर आंदोलन किया और जनता को भरोसा दिलाया भी कि अच्छे दिन दिखायेंगे, लेकिन कितने अच्छे दिन आये वो इसको लेकर सभी राजनीतिक दल केंद्र का विरोध कर रहे है, फर्क सिर्फ इतना है तब भाजपा सड़कों पर थी, कांग्रेस सत्ता में, और अब भाजपा सत्ता में है और कांग्रेस सड़कों पर, लेकिन अच्छे दिन की आस में पिस रही आम जनता।