
– विक्की रस्तोगी
नई दिल्ली – महिलाओं को अपनी सुरक्षा से लेकर समानता से संबंधित कुछ कानूनी अधिकारों को अवश्य जानना चाहि, जो सरकार द्वारा उन्हें प्रदान किये गए हैं। वैसे तो महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी सफलता का परचम लहराया है। लेकिन इस समाज से उन्हें घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में उन्हें इन विषम परिस्थितियों से छुटकारा पाने के लिए कुछ कानूनी अधिकारो के बारे जरूर जानना चाहिए।
घरेलू हिंसा से निजात पाने का अधिकार —
यह अधिकार महिलाओं के घरों पर हो रहे किसी भी तरह की घरेलू हिंसा से सुरक्षा पाने के लिए बनाया गया है। यदि किसी महिला पर घरेलू हिंसा जैसा अपराध हो रहा है, तो तो वह स्वयं या उसकी और से कोई भी भी शिकायत दर्ज करा सकता है।
प्रोपर्टी का अधिकार—
इस अधिनियम के अंतर्गत नियमों के आधार पर पुस्तैनी संपति पर महिला और पुरुष का सामान अधिकार है वह बराबर के हकदार है।
फ्री कानूनी मदद—
रेप पीड़ित महिला को मुफ्त में कानूनी मदद पाने का अधिकार है। एसएचओ के लिये जरूरी है, कि वह विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील की व्यवस्था करने के लिए सूचित करें।
एक समान वेतन का अधिकार—
समान वेतन पाने का अधिकार सभी महिलाओं को है। इस अधिनियम के तहत अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नही किया जा सकता।
रात को गिरफ्तारी पर रोक—
यदि किसी महिला ने कोई भी अपराध किया है है तो इस अधिनियम के अंतर्गत उसे रात को गिरफ़्तार नही किया जा सकता,अगर महिला ने कोई ऐसा अपराध किया है जिसमे उसकी गिरफ्तारी होना जरूरी है। तो ऐसे समय मे प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही यह संभव है।
(विक्की रस्तोगी हाई कोर्ट इलाहाबाद के वरिष्ठ अधिवक्ता है)