– विक्की रस्तोगी
नई दिल्ली -️ पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही कई कानूनी धाराएं भी लागू हो गई थीं। इनमें से कुछ अहम धाराएं हैं आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की। लॉकडाउन के दौरान इसके 10 अहम प्रावधानों का बारे में जान लेना जरूरी है।
क्या है आपदा?
⚫ आपदाओं को आमतौर पर प्राकृतिक आपदा के रूप में समझा जाता है। आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 2 (डी) में आपदा का अर्थ बताया गया है – ‘किसी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानवकृत कारणों या उपेक्षा से पनपने वाली कोई महाविपत्ति।’ कोरोनावायरस महामारी के मामले में केंद्र सरकार ने इसे गंभीर चिकित्सा स्थिति / महामारी के तौर पर ‘अधिसूचित आपदा’ के रूप में शामिल किया है।
🟤 इस एक्ट में आपदाओं से निपटने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। यहां हम आपको उन 10 प्रमुख धाराओं (धारा 51 से 60 तक) और उनके प्रावधानों के बारे में बता रहे हैं जो लॉकडाउन के दौरान लागू हैं।
धारा 51 – बाधा डालना
🟢 अगर कोई व्यक्ति किसी सरकारी कर्मचारी को आपदा के दौरान उनके कर्तव्यों को पूरा करने से रोकता है, उनके काम में बाधा डालता है, सरकारों द्वारा दिए निर्देशों को मानने से इनकार करता है, तो उसपर कार्रवाई की जा सकती है।
🔵 इस धारा के तहत ऐसे व्यक्ति को एक साल की कैद और जुर्माना लगाकर दंडित किया जा सकता है। लेकिन अगर उस व्यक्ति के कारण किसी को क्षति पहुंचती है तो ये सजा दो साल तक कैद और जुर्माने में बदल सकती है।
धारा 52 – मिथक / झूठे दावे
🟣 अगर कोई व्यक्ति पीड़ितों या किसी निश्चित वर्ग के लिए दी जाने वाली राहत सामग्री, सहायता या अन्य फायदे लेने के लिए गलत दावे करता है (पीड़ित वर्ग में न होकर भी उसके लिए दी जाने वाली मदद पर हक जताना), तो उस पर ये धारा लगाई जा सकती है। इसके तहत दोषी साबित होने पर दो साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 53 – धन या सामग्री का दुरुपयोग
🔴 अगर कोई व्यक्ति पीड़ितों या किसी निश्चित वर्ग के लिए दी जाने वाली राहत सामग्री, सहायता या अन्य फायदे लेने के लिए गलत दावे करता है (पीड़ित वर्ग में न होकर भी उसके लिए दी जाने वाली मदद पर हक जताना), तो उस पर ये धारा लगाई जा सकती है। इसके तहत दोषी साबित होने पर दो साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है।
धारा 54 – गलत चेतावनी
🟡 अगर किसी आपदा की परिस्थति में कोई झूठी चेतावनी या खबर फैलाता है, जिससे लोगों के बीच घबराहट फैले, पैनिक हो, तो इस धारा के तहत उस पर कार्रवाई की जा सकती है। ऐसा करने की कोशिश करने वालों को भी दंडित किया जा सकता है। इसकी सजा एक साल तक जेल और जुर्माना है।
धारा 55 सरकारी विभागों द्वारा होने वाले अपराधों से संबंधित है।
🟠 अगर कोई सरकारी अधिकारी, कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों / कर्तव्यों का पालन नहीं करता है, तो इस धारा के तहत दोषी करार दिया जा सकता है। इसके लिए कानूनी तौर पर उसे एक साल की जेल और जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
धारा 57 – आदेश का उल्लंघन
➡️आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 65 के तहत प्रावधान है कि राष्ट्रीय, राज्य या जिला कार्यकारिणी समिति आपदा की स्थिति में जरूरत होने पर किसी वाहन, भवन या अन्य संसाधन की मांग जनता/संस्थानों से कर सकता है। अगर इस संबंध में जारी आदेश का कोई पालन नहीं करता है, तो उस पर आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की धारा 57 के तहत दोषी करार दिया जा सकता है। इसके लिए उसे एक साल की कैद और जुर्माने की सजा दी जा सकती है।
धारा 58, 59 व 60
⏩ आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 की ये धाराएं निजी कंपनियों (धारा 58), न्यायलयों (धारा – 60) द्वारा हुए अपराध के संज्ञान के संबंध में हैं। धारा 59 किसी अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी (धारा 55 व 56 के मामलों में / सरकारी विभागों के लिए) के संबंध में है।