– नाहिद खान
रुद्रपुर – उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में बनाई गई कोविड-19 की होम आइसोलेशन किट में बड़ा घोटाला होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस किट पर त्रिवेंद्र सिंह रावत का मुस्कुराता चेहरा भी दिख रहा है।
इस किट घोटाले का पता भी तब हुआ जब श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिला अध्यक्ष राजीव चावला कोरोना पोजेटिव निकले थे। जिस पर वो घर पर ही होम आइसोलेट हो गये थे, किंतु स्वास्थ्य विभाग ने उनकी कोई सुध नही ली। जिससे कोरोना से निपटने के उत्तराखंड सरकार के लाख दावे पूरी तरह से फेल साबित गये। जब पत्रकारों ने इस पर रोष जताया और यह मामला मीडिया में उजागर हुआ तो आनन फानन में रस्म अदायगी के लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक होम आइसोलेशन किट राजीव चावला के स्वस्थ होने पर घर पहुँचवा दी।
बस यही से इस किट घोटाले की परतें खुल गई कि होम आइसोलेशन किट में कितना गोलमाल हुआ है। राजीव चावला ने जब स्वास्थ्य विभाग की किट को खोला तो वो खुद हैरान रह गए कि सरकार का स्वास्थ्य विभाग कोरोना होम आइसोलेट मरीज़ों के साथ कैसे जीवन से खिलवाड़ कर रहा है।
राजीव चावला का कहना है कि जब उन्होंने यह किट खोली तो उसमे अंकित सूची में से थर्मामीटर,हैंड सैनिटाइज़र,प्लस ऑक्सीमीटर और बायो मेडिकल बेस्ट थैला नदारद था। इससे साफ होता है कि सरकार कोरोना होम आसोलेट किट में कितना बड़ा घोटाला हुआ है,यह एक किट से लगाया जा सकता है। साथ ही जिन होम आईसोलेट गंभीर मरीज़ो को इसकी ज़रुरत होती है, उनका तो भगवान् ही मालिक है।
अधिकांश लोगों को तो यह किट मुहैय्या भी नही हो रही है,ऐसे में सरकार के सब दावे खोखले साबित हो रहे है। एक किट से यह साबित होता है कि स्वास्थ्य महकमे में किट का कीमती सामान निकालकर सिर्फ कुछ दवाईयां डाल कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली।
इस किट घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर जांच की मांग श्रमजीवी पत्रकार यूनियन करेगी। इस किट का वीडियो श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार राजीव चावला ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है ।
आप भी देखिए उत्तराखंड सरकार के दावों की हकीकत । ऐसे में दम तोड़ते मेडिकल सिस्टम से कैसे कोरोना मरीज़ों की ज़िंदगी बचेगी ? यह यक्ष प्रश्न है। यहां तो सब कुछ राम भरोसे ही है।