

हल्द्वानी – डा० सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में कोरोना के इलाज के दौरान अमर उजाला के वरिष्ठ हसीन खान अपनी सांसो से हार गये और हमसे हमेशा के लिये जुदा हो गये। उनकी ज़िन्दगी बचाने के लिये एनडीटीवी के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने ट्वीट कर उनको इंजेक्शन मुहैया कराने की गुहार की थी। तब कही जाकर उनको इंजेक्शन मिल पाये थे।

हसीन खान कोरोना जैसी घातक बीमारी से लगातार जूझते रहे,नकारा सिस्टम से कुछ उम्मीद किया जाना बेमानी है। अस्पतालो में जीवनदायी दवाईयां का अकाल पड़ा हुआ है। आक्सीजन और डाक्टरों की काफी कमी है। लेकिन इसके लिये शासन प्रशासन देर से जागता है। अकेले हसीन खान की बात नहीं है। रुद्रपुर के पत्रकार सुदेश जौहरी की मौत पर भी इलाज में कोताही के आरोप लगे है।
हसीन खान ने ऊधम सिंह नगर जिले के किच्छा तहसील के अंतर्गत आने वाले छोटे से गॉव दरऊ से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की थी। अमर उजाला से जुड़ कर वो अपनी लिखने से जनहित की समस्याओ को उजागर करते रहे। इसी बीच उनका सलैक्शन पंतनगर विश्व विद्यालय में प्रशासनिक कार्यालय में लेखा लिपिक के पद पर हो गया था। यहां रहकर भी उन्होंने अपना लेखन जारी रखा और लगातार लेखन करते रहे। उनका बेटा हस्सान खान आर्मी में मेजर के पद पर कार्यरत है। उनकी पत्नी नैय्यर हसीन भी लेखिका है जो सामाजिक और धार्मिक विषयो पर लेख लिखती रहती है।
कुछ साल पहले रिटायर्ड होने के बाद वो हल्द्वानी शिफ्ट हो गए थे, अपने भाई के इलाज के सिलसिले में दिल्ली गये थे। लेकिन जब वो वहा से वापस आये, तो कोरोना जैसी बीमारी ने उनकी सांसो को परिवार और शुभचिंतको से जुदा कर दिया। इस दुःख की घडी में मीडिया जगत उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि देता है।