– अजहर मलिक
काशीपुर – उत्तराखंड विधानसभा में महिलाओ के लिये तीस प्रतिशत सीटे आरक्षित कर उन्हें चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। महिलाओ के अंदर भी प्रतिभा छुपी होती है,उनसे भेदभाव नहीं होना चाहिए। इससे प्रतिभाओ को सम्मान मिलेगा।
यह बात राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सायरा बानो ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही। यह वो ही सायरा बानो है, जिन्होंने तीन तलाक के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की थी। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें राज्य की भाजपा सरकार ने राज्य महिला आयोग के उपाध्यक्ष के पद से नवाज़ कर दर्जा राज्य मंत्री बनाया था।
सायरा बानो ने विधानसभा में महिलाओ को तीस प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने की बात करके इस बार होने वाले विधान सभा चुनाव में महिलाओ पर दाँव तो खेल दिया। लेकिन उनके इस ब्यान से भाजपा आला कमान क्या गंभीरता से लेगा या सायरा बानो के इस ब्यान को दरकिनार कर देगा ?
हालाकि वैसे तो भाजपा नारी सम्मान की बात तो करती है,लेकिन जब कभी महिलाओ को अवसर देने की बात आती है,तो वो कन्नी काट जाती है। अब विधानसभा में महिलाओ को तीस प्रतिशत सीटे देने की बात भी भाजपा नेत्री और दर्जा राज्य मंत्री ने उठाई है। ऐसे में इस पर राजनीती गरमा गई है।
अभी राज्य में वैसे ही मुख्यमंत्री को बदले जाने की चर्चाओं ने ज़ोर पकड़ रखा है,कई नेता इस कुर्सी की दौड़ में लगे हुए है। ऐसे में सायरा बानो के ब्यान से राज्य सरकार कितनी गंभीर होती है यह देखना होगा। फिलहाल तो लगता नहीं है कि बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा देने वाली भाजपा ऐसा कोई कदम उठाएगी।