– नाहिद खान
देहरादून – उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने अब राज्य के सभी जिलों में एक मार्च से 30 अप्रैल तक दो माह तक ‘ऑपरेशन मुक्ति’ चलाने के निर्देश दिए है। इससे राज्य भर में बच्चो से कराई जा रही भिक्षा वृत्ति पर रोक लगेगी। साथ ही आमजन को बच्चो को भिक्षा न देने के लिये जागरूक किया जायेगा। ऐसे बच्चो को जो भिक्षा वृत्ति में लिप्त है उनका पुर्नावास कर उन्हें शिक्षा से जोड़ा जायेगा। जिससे उनका जीवन स्तर उठ सके।
इससे पहले भी यह अभियान चलाया जा चुका है,अब यह अभियान फिर से ‘भिक्षा नहीं, शिक्षा दो’ व ‘Educate a child’ की टैग लाईन के साथ फिर से चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिये सभी जिलों में गोष्ठिया आयोजित की जा रही है। ऊधम सिंह नगर जिले में भी अमित कुमार पुलिस उपाधीक्षक को नोडल अधिकारी नामित कर जिले में कुल 4 टीमों का गठन किया गया है। एक टीम एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल तथा तीन टीमें जनपद पुलिस की गठित की गई है प्रत्येक टीम में एक प्रभारी उपनिरीक्षक व चार कांस्टेबल व एक महिला कांस्टेबल को नियुक्त किया गया है।
इस अभियान को सफल बनाने पुलिस कार्यालय रुद्रपुर के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें उपरोक्त टीमों के अतिरिक्त विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया I गोष्ठी में जानकारी दी गई कि इस
अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ Integrated Drive चलाकर प्रभावी Enforcement के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, जनता को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूक करना व भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों का पुनर्वास हेतु आवश्यक कार्यवाही किया जाना है।
ऑपरेशन मुक्ति अभियान तीन चरणों में चलाया जायेगा, पहले चरण में (Observation Period) 1 मार्च से 15 मार्च तक भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों व उनके परिजनों का विवरण तैयार कर सम्बन्धित विभागों से समन्वय कर बच्चों का स्कूल,डे केयर में दाखिला किये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाएगी।
जबकि दूसरे चरण (Awareness & Enforcement Period) जो 16 मार्च से 31 मार्च तक होगा। इसमें समस्त स्कूल, काॅलेजों, सार्वजनिक स्थानों, महत्वपूर्ण चौराहो, सिनेमाघरों, बस व रेलवे स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, सम्पूर्ण कुम्भ क्षेत्र सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर बच्चों को भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस सम्बन्ध में सोशल मीडिया का भी उपयोग किया जाएगा। साथ ही भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के परिजनों को भिक्षावृत्ति न करने व कौशल विकास के सम्बन्ध में जागरूक किया जाएगा।
तीसरे चरण (Enforcement & Rehabilitation Period) जो 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक होगा। इसके अन्तर्गत भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनकी एवं उनके परिजनों की काॅउन्सलिंग। बच्चों के पुनः भिक्षावृत्ति में लिप्त पाये जाने पर उनके परिजनों के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत करने की कार्यवाही तथा किसी भी प्रकार का संदेह होने पर DNA टेस्ट की कार्यवाही की जाएगी। पुलिस का यह ऑपरेशन मुक्ति इस बार कुछ अलग ही रहेगा,इस पर पुलिस महानिदेशक की सीधी नज़र रहेगी।