

– अज़हर मलिक
काशीपुर – मामला बिजली चोरी का हो और मुक़दमे में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राम मल्होत्रा का नाम बिजली चोरी में विधुत विभाग दर्ज करवाये तो मामला गंभीर हो जाता है।
लेकिन यह क्या मुकदमा दर्ज होने के बाद बिधुत विभाग बैकफुट पर आ गया और उसने एक प्रार्थना-पत्र देकर विधुत चोरी के मुकदमे से राम मल्होत्रा का नाम हटाने को कहा है। ऐसा अजब गजब मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। अब विधुत विभाग की विजिलेंस टीम को पता चला कि जिस राम मल्होत्रा के खिलाफ उन्होंने मुकदमा दर्ज करवाया है,उनका विधुत चोरी से कोई लेना देना ही नहीं है।
दरअसल बीते रोज बिजली विभाग की विजिलेंस टीम द्वारा बिजली चोरी पकड़ने के लिये
छापामारी की गई थी। छापामारी के बाद उन्होंने काशीपुर कोतवाली में भाजपा नेता समेत आधा दर्जन से अधिक लोगो के विरुद्ध विद्युत चोरी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया था। जब इस मुक़दमे की जानकारी भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष राम मल्होत्रा को लगी तो वो अवाक रह गये। उन्होंने तुरंत इस मामले में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी सफाई पेश की।
अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज होने से आहत भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेता राम मल्होत्रा जमकर विधुत विभाग पर अपनी भड़ास निकाली और साथ ही गंभीर आरोप लगाया कि बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत से ही बिजली चोरी होती है।

विधुत वितरण उपखंड अधिकारी शैलेंद्र कुमार सैनी ने काशीपुर कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा था, कि विधुत विभाग की विजिलेंस टीम के साथ स्थानीय विधुत टीम ने
रामपुरा में एक्सटेंशन क्षेत्र में विधुत चोरी के खिलाफ एक अभियान चलाया था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राम मेहरोत्रा समेत कुल 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
बाद में विधुत विभाग द्वारा अपनी गलती मानते हुए उनका नाम हटाने के लिये प्रार्थना-पत्र दिया गया है। इस मामले में राम मल्होत्रा का कहना है कि उनकी छवि को समाज में धूमिल करने के लिये किसी ने षड्यंत्र रचा है। जबकि उनके द्वारा बिजली चोरी का कोई कृत्य नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके द्वारा अपने अधिवक्ता से वार्ता कर विभाग के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने पर भी विचार कर रहे है।