


बाजपुर – बीती 25 दिसंबर को बाजपुर में किसानो द्वारा कृषि क़ानून के खिलाफ उग्र आंदोलन में पुलिस द्वारा एक हज़ार से पंद्रह सौ अज्ञात किसानो के खिलाफ कोतवाली बाजपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस खबर को सबसे पहले प्रमुखता से ‘इंडिया नज़र’ ने छापा था। लेकिन पुलिस द्वारा इसकी जानकारी मीडिया को न देने पर संशय बना हुआ था।

आप को बता दे बीती 25 दिसंबर को किसानों और राजनीतिक संगठनों द्वारा कृषि कानून के विरोध में दिल्ली कूच कर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान जिले की पुलिस द्वारा किसानों और राजनीतिक संगठनों को उत्तराखंड के बॉर्डर पर ही रोक लिया गया था। किसानों को बॉर्डर पर पुलिस के रोकने के बाद किसान उग्र हो गए थे, उनके द्वारा पुलिस की वेरिकेटिंग तोड़कर सभी बॉर्डर को पार कर गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच गए थे। जिले के रुद्रपुर, बाजपुर, काशीपुर, सितारगंज और नानकमत्ता में काफी हंगामे के बाद किसानों ने बॉर्डर पार किया था।
विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों और राजनीतिक संगठनों द्वारा पुलिस के रोके जाने पर वेरिगेटिंग को तोड़ दिया गया था। जिस पर एसएसपी ऊधम सिंह नगर दलीप कुंवर ने बताया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन में कुछ अराजक तत्व शामिल थे,जो किसानो के आंदोलन में घुस गये थे। ऐसे अराजक तत्वों के खिलाफ पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज की कार्यवाही की जा रही है। कैमरे की वीडियो फुटेज खंगालने के बाद मुकदमा दर्ज करने के साथ ही उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।
एसएसपी निर्देश के बाद पुलिस द्वारा कई थाना क्षेत्रों में अराजक तत्वों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज किये गए है। बाजपुर में भी 25 दिसंबर को ही मुकदमा दर्ज किया गया था,किन्तु इसे गोपनीय रखा गया था। जिसके कारण बाजपुर के पत्रकारों द्वारा जब इस खबर को सोशल वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया तथा व्हाट्सअप ग्रुप फेस बुक पर डाला गया था,तो कुछ तत्वों द्वारा इस खबर को झूठा बताया गया था,किन्तु जब पत्रकारों द्वारा इस मामले की एफआईआर की प्रति छाप दी तो सच्चाई सबके सामने आ गई।
बाजपुर के वरिष्ठ पत्रकार अमित सैनी का कहना है कि पुलिस द्वारा मुक़दमे की जानकारी छुपाना गलत है। जिले के एसएसपी पहले ही बता चुके थे कि अराजक तत्वों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा। ऐसे में पत्रकारों को मुक़दमे की जानकारी न देना सही नहीं है।

वही पुलिस द्वारा अज्ञात किसानो के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमो की बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता सरदार खड़क सिंह विर्क ने निःशुल्क पैरवी करनी की घोषणा की है। उनकी इस पहल का किसान संघठनो ने स्वागत किया है।