

– नाहिद खान के साथ अज़हर मलिक
ऊधम सिंह नगर – उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जिले के बाजपुर,सितारगंज,गदरपुर,काशीपुर,सहित अन्य नगरो और ग्रामीण क्षेत्र के हज़ारो किसान दिल्ली ट्रैक्टर ट्राली और गाड़ियों से किसान बिल के खिलाफ चल रहे आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली रवाना हो गये है। कई स्थानों पर किसानो और पुलिस के बीच झड़पे हुई। पुलिस किसानो के उग्र तेवर देख कर पीछे हट गई और किसान केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए चल दिए।
आज दिन भर घटे घटनाक्रम पर नज़र डाले तो सितारगंज से आई तस्वीरो ने विचलित किया। यहां पुलिस प्रशासन द्वारा किसानो को रोकने के लिये बेरिकेटिंग लगा कर रास्ता रोक दिया गया था। पुलिस और पीएसी कर्मी जमे हुए थे। कीच आंदोलनकारियों को पुलिस ने रोक दिया था। लेकिन किसानो का एक जत्था आया और उसने जबरन ट्रैक्टर ट्राली से बेरिकेटिंग हटा दी। यहां तैनात नानकमत्ता के एसओ कमलेश भट्ट ने जबरन निकल रही ट्रेक्टर ट्राली को जब रोकने की कोशिश की ट्रैक्टर चालक उन्हें लगभग पचास मीटर तक खदेड़ता हुआ ले गया। यह तो गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। लेकिन एसओ इसमें चोटिल हो गया।
वही जिले के बाजपुर में किसानो का ज़बरदस्त हंगामा रहा,किसानो ने गुस्से में पुलिस द्वारा बेरिकेटिंग को तोड़ दिया और पुलिस को ट्रेक्टर से खदेड़ते हुए रास्ता बना कर बॉर्डर पार कर लिया। पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
दिल्ली में पिछले लगभग एक माह से तीन कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिये 25 दिसंबर को किसानो संघठनो ने दिल्ली चलने का आह्वान किया था। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य मनजिंदर सिंह सिरसा किसानो का समर्थन लेने पहुंचे हुए थे। इसके साथ ही भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा भी किसानो को दिल्ली कूच के लिये तैयारी करवा रहे थे।
आज हज़ारो की संख्या में किसान बाजपुर के दोराहा रोड स्थित एक मैरिज पैलेस में जमा हुए थे ,जहा से वो जुलूस निकालते हुए दोराहा बॉर्डर पर पहुंचे थे। यहां भारी मात्रा में पुलिस और पीएसी तैनात थी,किन्तु किसान रास्ता खोलने की मांग कर रहे थे। जब पुलिस ने किसानो की बात नहीं सुनी तो वो उग्र हो गये और उन्होंने ट्रैक्टर से पुलिस प्रशासन द्वारा लगाए गए बैरिकेडिंग को तोड़कर नष्ट कर दिये। जिसके बाद किसान पुलिस के बीच भिड़ंत हुई। किसानों के आक्रोश के सामने पुलिस बैकफुट पर आ गई। किसानों के अचानक तोड़फोड़ के दौरान कई पुलिसकर्मियों के भी चोटे आई हैं।
दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष और शिरोमणि अकाली दल के सदस्य मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना था कि किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन करना चाहता है, जिसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने भी किसानों को अनुमति दी है। लेकिन पुलिस प्रशासन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए किसानों को जबरन दिल्ली ना जाने देने की बात कर रहा है।
वही भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष कर्म सिंह पड्डा ने कहा कि किसान हर हालत में दिल्ली पहुंच कर रहेंगे,चाहे किसानों को पुलिस की लाठियों का भी सामना क्यों ना करना पड़े।
ऊधम सिंह नगर जिले के एसएसपी बाजपुर में खुद मोर्चा संभाले हुए थे,किन्तु उन्होंने टकराव रोकने के लिये भरपूर कोशिश की। एसएसपी दलीप सिंह कुंवर का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने पूरे घटनाक्रम की वीडियोग्राफी करवाई है। प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर हमला करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
आप को बता दे जिले का तराई इलाका सिख बाहुल्य क्षेत्र है,यहां अधिकाँश सिख किसान है,दूसरे अन्य किसान भी इनके समर्थन में दिल्ली कूच कर रहे है। किसानो का स्पष्ट कहना है कि हमारी माँगो को गंभीरता से लेने के स्थान पर किसानो को झूठा और फ़र्ज़ी बताया जा रहा है जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।