


देहरादून – उत्तराखंड की विधानसभा में आज भाजपा विधायक राजेश शुक्ला ने नियम 53 के तहत भूमिहीनों को खुर्पिया फ़ार्म की आरक्षित ज़मीन में बसाने के साथ ही नियम 300 के तहत किच्छा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम नजीमाबाद धौरा डाम को राजस्व गांव का दर्जा दिये
जाने की मांग सदन में उठाई।
विधायक राजेश शुक्ला ने आज सदन की कार्यवाही के दौरान नियम 53 के तहत जिला ऊधमसिंहनगर के किच्छा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम खुरपिया में सीलिंग में राज्य सरकार में निहित पंद्रह सौ एकड़ भूमि में से लगभग 498 एकड़ भूमि भूमिहिनो के लिए आरक्षित की गई थी, जिसमें से 85 एकड़ भूमि राजस्व विभाग को सरकारी कार्यालय स्थापित करने के लिए दे दी गई थी। शेष लगभग 400 एकड़ भूमि 5 वर्षों से रिक्त पड़ी हुई है, जबकि उक्त क्षेत्र के भूमिहीन विशेषकर खुरपिया फॉर्म समाप्त होने पर उक्त फार्म के हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं तथा उक्त सीलिंग भूमि पर सीलिंग कानून के तहत भूमि आवंटन करने की मांग को लेकर आंदोलित हैं, सरकार सीलिंग कानून के तहत निकाली गई 1500 एकड़ भूमि में से भूमिहीनों के लिए आरक्षित की गई 400 एकड़ भूमि भूमिहीनों को एलॉट करने पर विचार कर रही है ? यदि हां तो कब तक भूमि दी जाएगी ? और यदि नहीं तो क्यों तथा क्या सरकार यह आश्वासन देगी कि भूमिहीनो की 500 एकड़ भूमि में से लगभग 85 एकड़ भूमि अन्य प्रयोजन के लिए देने के बाद शेष भूमि किसी अन्य प्रयोजन के लिए नहीं दी जाएगी?
साथ ही नियम 300 के तहत ऊधमसिंहनगर के विभिन्न जलाशयों जिसमें विधानसभा क्षेत्र किच्छा की ग्राम नजीमाबाद के धौराडाम समेत सितारगंज, गदरपुर, नानकमत्ता, बाजपुर, खटीमा, काशीपुर व जसपुर के कुल 7 जलाशयों (डाम) में निष्प्रयोज्य भूमि पर लगभग 50 वर्षों से भी अधिक समय से निवास कर रहे व खेती कर रहे नागरिकों को उक्त क्षेत्र को राजस्व ग्राम घोषित न होने से तमाम सुविधाओं एवं योजनाओं से वंचित हैं, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना व अन्य सुविधाएं न मिलने से इन निवासियों की भारी क्षति हो रही है लंबे समय से इन्हें राजस्व ग्राम देने की मांग उठती आ रही है, पिछले 50 वर्षों से इन क्षेत्रों में सड़क, बिजली, शिक्षा के लिए स्कूल व अन्य विकास कार्यों विभिन्न सरकारों द्वारा किया गया है तथा ग्राम पंचायत के रूप में भी इनका विकास हुआ है। सरकार इस सूचना का संज्ञान लेकर ग्राम धौराडाम समेत जिला ऊधमसिंहनगर के 7 डाम क्रमशः तुमरिया डाम, हरिपुरा जलाशय, गुलरभोज डाम, धौरा डाम, नानकसागर डाम व शारदा सागर डाम के निवासियों की इस मांग को स्वीकार कर इस क्षेत्रों को राजस्व ग्राम का दर्जा देगी।
राजेश शुक्ला द्वारा जनहित के मुद्दे उठाये जाने से भूमिहीनों और वर्षो से राजस्व ग्राम की मांग करने वाले ग्रामीणों में एक आस बंधी है कि अगर सरकार ने उनके विधायक की सुन ली तो उन्हें सरकारी योजनाओ का लाभ तो मिलेगा ही साथ ही अन्य सुविधाएं भी मिल जायेंगी।