

– अज़हर मलिक
जसपुर – उत्तराखंड की जीरो टॉलरेंस की सरकार में नौकरशाह कितने लापरवाह है,इसका जीता जागता उदहारण देखना हो तो जसपुर का यह कारनामा ही काफी है। जिसे सुनकर आप दंग रह जायेंगे। मामला बिजली भुगतान की रिकवरी का था, जो शमा टिम्बर ट्रेडर्स नाम से संचालित आरा मशीन के कारखाने को सीज करने का था,किन्तु नायाब तहसीलदार ने इसके स्थान पर शमा प्लाईवुड नाम से संचालित फैक्ट्री को सीज़ कर दिया।

राजस्व विभाग में बिजली के बकाया वसूली के लिये आई कुर्की पर जसपुर के एसडीएम सुंदर सिंह तोमर ने 46 लाख का बिजली के भुगतान न करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नौशाद सम्राट की शमा टिम्बर ट्रेडर्स नाम से संचालित आरा मशीन का कारखाना कुर्की करने के आदेश दिए थे। नायब तहसीलदार भुवन चंद्र को आदेश मिलते ही नायब तहसीलदार अपनी टीम के साथ कांग्रेस नेता की संचालित हो रही शमा टिम्बर नाम के कारखाने को छोड़कर पहुंच गए शमा प्लाईवुड के नाम की फैक्ट्री में। यहां उन्होंने फ़ैक्ट्री का नाम पडने की जहमत भी नहीं उठाई और फ़ैक्ट्री में काम कर रहे मजदूरों को बाहर निकाल कर फैक्ट्री को सील कर दिया।
(शहज़ाद सम्राट -पीड़ित पक्ष)
पीड़ित पक्ष ने राजस्व विभाग की घोर लापरवाही पर जसपुर के उपजिलाधिकारी से शिकायत कर एक प्रार्थना पत्र दिया। जिसके बाद प्रशासन ने पहले सीज़ की फ़ैक्ट्री को रिलीज किया। बाद में अपनी गलती सुधारते हुए शमा टिम्बर ट्रेडर्स को सील किया गया।
(एसडीएम सुंदर सिंह तोमर)
वही इस मामले की जसपुर के एसडीएम सुंदर सिंह तोमर का कहना है कि दोनों के कार्यालयों का बोर्ड एक ही जगह था। जिसकी वजह से गलती हो गई,यह एक माननीय भूल थी जिसे सुधार लिया गया है। यह कह कर इस मामले को रफा-दफा कर दिया।