


काशीपुर – आपने अपने शहर में रंग बिरंगे सजे सजाये ई-रिक्शाओं को तो देखा होगा। यह न केवल आपके शहर की पंसीदा सवारी बनते जा रहे है बल्कि यह इलेक्टॉनिक रिक्शा आपके शहर का वायु प्रदूषण रोकने में भी विशेष सहायक हो रहे है।
नगर की आबादी बढ़ने के साथ ही बेतहाशा टू व्हीलर और फॉर व्हीलर वाहनों की संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है। जिससे वायु प्रदूषण की रफ़्तार तेज़ी से बढ़ रही है। जिससे नगर का माहौल दमघोटू होता जा रहा है। ऐसे में पर्यावरण की रक्षा करने में ई-रिक्शा वरदान बने हुए है। आप अपने प्रदूषण उगलने वाले वाहनों की जगह ई-रिक्शा का इस्तेमाल कर प्रदूषण रोकने में योगदान कर सकते है। इसके लिये बृक्षारोपण भी करे।
अगर हम भारत की बात करे तो देश के महानगरों में वायु प्रदूषण का ग्राफ तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर सरकार भी चिंतित हैं। समय-समय पर सरकार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम भी उठाती है। लेकिन सरकार की रणनीतियों से प्रदूषण के ग्राफ में कुछ भी कमी नहीं आई। लेकिन प्रदूषण के ग्राफ में कमी लाने में ई-रिक्शाओं के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक वाहनों का उपयोग कर इस पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर में भी प्रदूषण के ग्राफ में काफी बढ़ोतरी हो रही है। जिसका एक मुख्य कारण निजी वाहन भी हैं।लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान जाने के लिए अपने निजी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसी महंगाई के दौर पर अपने वाहनों से सफर करना कहीं ना कहीं खर्चीला होता जा रह है,साथ ही इससे तेजी से प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। प्रदूषण से लोगों को तरह-तरह की बीमारियां हो रही है।
अब जिले में शहर के आसपास काम करने वाले लोग अपने वाहनों के सफर को छोड़ कर गली- मुहल्लों में दौड़ती ई रिक्शा का प्रयोग कर रहे है। शहरों में ई-रिक्शा चलने से सड़कों पर निजी वाहनों की आवाजाही कम हो गई है। जिससे सड़कों पर जाम की समस्या के साथ ही प्रदूषण पर अंकुश लग रहा है। जो ई-रिक्शाओं की बदौलत साबित हो रहा है। शहर में दौड़ती हुई ई-रिक्शो से सीनियर सिटीजन (बुजुर्गों) को भी राहत मिलने लगी है प्रदूषण में बुजुर्गों का जीना दुश्वार हो चुका था। जिन्हें सांस लेने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था।

वहीं ई-रिक्शा यूनियन अध्यक्ष एम राहुल का कहना है कि शहर में ई-रिक्शा चलने से बेरोजगारों को रोजगार मुहैया हुआ है। ई-रिक्शा का प्रदूषण पर नियंत्रण करने का अहम योगदान भी देखने को मिला है। साथ ही यूनियन अध्यक्ष राहुल ने अपील की है। शहर में चलने वाली पेट्रोल डीजल की गाड़ियों को बंद कर बैटरी, सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों को उत्तराखंड में चालू कराया जाए ताकि हमारा उत्तराखंड प्रदूषण मुक्त बन सके।